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अजमेर, कोटा, भरतपुर व बीकानेर में प्राइवेट कंपनियों की मनमानी:स्पीकर भी बोले- मेरे अजमेर में टाटा पावर की जांच करवाओ

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प्रदेश के अजमेर, बीकानेर, कोटा व भरतपुर शहरों की बिजली सप्लाई संभाल रही प्राइवेट कंपनियों की अनियमितता व मनमर्जी के मुद्दे को लेकर गुरुवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। शून्यकाल के दौरान बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास ने बीकानेर में बिजली सप्लाई कर रही बीकेसीएल कंपनी का मुद्दा उठाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने ऊर्जा मंत्री से कहा कि अजमेर में भी टाटा पावर की बहुत अनियमितता है। टाटा पावर की भी जांच करवाओ। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पूरे राजस्थान में दिक्कत है, पूरे राजस्थान में ही जांच करवा दो। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि चारों शहरों में बिजली सप्लाई संभाल रही प्राइवेट कंपनियों की जांच करवाएंगे। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि प्रदेश में लाइट नहीं आ रही है, इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह पुरानी बीमारी है। विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि मेरी जीत कांग्रेस को पच नहीं रही है। बीकानेर में बिजली सप्लाई से जुड़ी बीकेसीएल कंपनी में कर्मचारी कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री के रिश्तेदार व समर्थक लगे हुए हैं। भाजपा का राज आने के बाद लगातार मुझे व जनता को डिस्टर्ब कर रहे हैं, ताकि लोग भाजपा का विरोध करे। बिजली लगातार जा रही है। बीकेसीएल कंपनी में ठेके ले रखे हैं। अव्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमओयू में एक घंटे से ज्यादा बिजली जाने पर जनरेटर के जरिए बिजली सप्लाई करनी चाहिए। दस घंटे बिजली जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है। फॉल्ट नहीं होने के बाद भी बिजली कटौती हो रही है। विजिलेंस चैकिंग भी दुर्भावना से की जा रही है। विजिलेंस के समय सरकारी कर्मचारी साथ होना चाहिए। एमओयू के अनुसार काम नहीं कर रही है तो इस पर कार्यवाही होने चाहिए। 2017 से जमी हैं कंपनियां नागर ने कहा कि बीकेसीएल कंपनी को पहले भी नोटिस दिया गया है। यह कंपनी सुधार नहीं कर रही है और राजनीतिक प्रभाव से काम हो रहा है तो कमेटी बना कर जांच करवाई जाएगी। कंपनी 2017 से काम कर रही है, कंपनी को जो इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप करना चाहिए था, वह नहीं किया। चारों जगह प्राइवेट कंपनी काम कर रही है। अजमेर, कोटा, भरतपुर और बीकानेर में प्राइवेट कंपनियों को बिजली वितरण का काम दिया था, चारों जगह जांच करवाई जाएगी। जरूरत होगी तो हम उस पर कार्रवाई करेंगे। कंपनी ठीक से काम नहीं कर रही है तो हम उसके खिलाफ एक्शन लेंगे।

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