उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस पूरी तरह माफ कर दी है। इसके अलावा, रोड टैक्स में भी छूट दी जाएगी। यूपी सरकार के इस फैसले से राज्य में लोग कम दाम में हाइब्रिड कार खरीद सकेंगे, साथ ही मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा कार जैसी कंपनियों को भी इसका फायदा मिलेगा। हाल ही में जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड और प्लग इन हाइब्रिड कारों पर रजिस्ट्रेशन फीस को 100% माफ किया है, जो कि तत्काल प्रभाव से लागू भी हो चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार 10 लाख रुपए से कम कीमत वाले 4-व्हीलर्स पर 8% और 10 लाख रुपए और उससे ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर 10% रोड टैक्स चार्ज करती है। ये गाड़ी सस्ती होंगी
भारतीय बाजार में मारुति के पास दो हाइब्रिड कारें ग्रैंड विटारा और इनविक्टो हैं। वहीं, टोयोटा किर्लोस्कर के पास हाइराइडर और इनोवा हाईक्रॉस है, इसके अलावा होंडा कार्स इंडिया सिटी सेडान का हाइब्रिड वर्जन बेचती है। यूपी सरकार की इस नीति का उद्देश्य ईको फ्रेंडली गाड़ियों को अपनाने को प्रोत्साहित करना और ट्रेडिशनल गैसोलीन और डीजल से चलने वाली कारों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है। ये राहत अक्टूबर 2025 तक के लिए दी गई है। देश में उत्तर प्रदेश एक बड़ा कार मार्केट
उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े कार मार्केट्स में से एक है, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोटिव बाजार का 10% से ज्यादा हिस्सा है। साल 2024 की पहली छमाही में उत्तर प्रदेश में 2,36,097 यूनिट्स की रिटेल बिक्री हुई, जो जनवरी-जून 2023 की 2,08,092 यूनिट्स से 13.46% ज्यादा है। देश में EV से 4 गुना ज्यादा बिक रहीं हाइब्रिड-कारें
भारत में लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) से दोगुनी कीमत होने के बावजूद हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड व्हीकल ने EV की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। प्योर इलेक्ट्रिक कारें 8 लाख रुपए से शुरू होती हैं। वहीं, हाइब्रिड कारों की कीमत 17 लाख रुपए से शुरू है। वाहन डैशबोर्ड के डेटा के मुताबिक, देश में अप्रैल से 11 जून के बीच 7500 हर महीने के हिसाब से 15,000 EV बिकीं, जबकि हाइब्रिड की बिक्री 59,814 रही। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में अमेरिका में भी EV बिक्री की तुलना में हाइब्रिड की बिक्री पांच गुना तेजी से बढ़ी है। हाइब्रिड व्हीकल क्या होता है?
हाइब्रिड व्हीकल (HEV) एक से अधिक ईंधन के विकल्प के साथ आते हैं। इसमें दो तरीके के इंजन मौजूद होते हैं। पहला कार में पेट्रोल या डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन। यानी कार को दोनों इंजन पावर सप्लाई देते हैं। खास बात यह है कि इसमें इंटर्नल सिस्टम के जरिए ही बैटरी चार्ज हो जाती है। बैटरी को अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा जब गाड़ी को बैटरी ऑपरेट करती है तो उस समय फ्यूल की भी बचत होती है। ईवी की जगह हाइब्रिड कारों को क्यों पसंद कर रहे हैं भारतीय? ऑटो कंपनियां भी हाइब्रिड पर कर रहीं फोकस
ऑटो कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हाइब्रिड कारों की बिक्री पिछले साल 30% से ज्यादा बढ़ी है। यही वजह है कि मारुति सुजुकी, टोयोटा जैसे जापानी वाहन निर्माता EV के बजाय हाइब्रिड पर जोर दे रहे हैं। हुंडई भी 2026 तक भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार लॉन्च करने की योजना बना रही है।

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