रवि दुबे एक्टर से प्रोड्यूसर तक का सफर तय कर चुके हैं। उन्होंने अपनी पत्नी सरगुन मेहता के साथ मिलकर कई टेलीविजन शोज प्रोड्यूस किए हैं। इन दिनों वह सीरियल ‘बादल पे पांव है’ को भी प्रोड्यूस कर रहे हैं। बतौर प्रोडयूसर, रवि ने अपने पहले शो ‘उडारियां’ में अपनी पूरी सेविंग्स लगा दी थीं। बता दें, रवि पहले इंजीनियरिंग में करियर बनाने वाले थे। कॉलेज के दिनों में उनके मन मे सुसाइड के ख्याल भी आने लगे थे। बातचीत के दौरान, एक्टर ने बताया है कि बुरे दिनों में वह खुद को मोटिवेट करते थे। पिता चाहते थे मैं इंजीनियर बनूं, लेकिन मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, रवि ने कहा, ‘मेरे पिता चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं। लेकिन मेरा मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था। मेरा रुझान हमेशा से एक्टिंग की तरफ ही रहा है। मैंने पढ़ाई पूरी की, हालांकि इंजीनियरिंग की बजाए एक्टिंग का रास्ता चुना। पढ़ाई के दौरान, मैं खुश नहीं था। उन दिनों मैंने कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। दरअसल, मैं बहुत ही लाड़-प्यार वाले माहौल में पला-बढ़ा हूं। इंजीनियरिंग करियर के लिए जब मुंबई आया तब एक बात समझ आई कि हर चीज आपके हिसाब से नहीं होगी। आपको हर चीज आपके मन मुताबिक नहीं मिलेगी। उस वक्त दिल-दिमाग का संतुलन नहीं था। वह दौर बहुत मुश्किल भरा था।’ जब सुसाइड के ख्याल आने लगे तब खुद से बातें करना शुरू किया उन्होंने आगे कहा, ‘जब सुसाइड के ख्याल आने लगे तब मैंने खुद से बातें करना शुरू किया। मैं बार-बार खुद से कहता था कि कोई भी परेशानी बड़ी नहीं होती है। सिचुएशन कभी भी बदल सकती है। मैंने खुद से बात करके खुद को मोटिवेट किया। नेगेटिव सोच से खुद को दूर रखने लगा। खैर, अब तो उस बात को कई साल बीत गए हैं। शायद वो वक्त मुझे कुछ सिखाने के लिए ही आया था।’ शो ‘उडारियां’ में पूरी सेविंग्स लगा दीं प्रोडक्शन करियर की बात करें, तो रवि शुरुआत से ही इंडिपेंडेंट प्रोड्यूसर बनना चाहते थे। इस बारे में उन्होंने कहा, ‘मैंने और सरगुन ने कभी फाइनेंस के लिए किसी का सपोर्ट नहीं लिया। हमने किसी के साथ मिलकर शो प्रोड्यूस करने की बजाए, इंडिपेंडेंट प्रोड्यूसर बनने का रिस्क लिया। वैसे, मैं और सरगुन रिस्क लेने से बिल्कुल नहीं घबराते हैं। हमारा मानना है कि जिस ईश्वर ने हमें यहां तक पहुंचाया है, वही ईश्वर हमें आगे भी लेकर जाएगा। हमने अपने पहले शो ‘उडारियां’ में पूरी सेविंग्स लगा दी थीं। हम इस मैदान में किसी भी तरह उतरना चाहते थे। किसी तीसरे को शामिल करने की बजाए, हमने एक दूसरे पर विश्वास किया और आगे बढ़ते गए।’ गुल पनाग और हुसैन कुवाजेरवाला के पीछे जूनियर आर्टिस्ट बनकर डांस किया था मेरी पहली सैलरी 500 रूपए थी। मैंने रियलिटी शो ‘किसमे कितना है दम’ में जूनियर आर्टिस्ट का काम किया था। उस वक्त मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था। मेरा रूममेट इवेंट का काम करता था। वह जूनियर आर्टिस्ट कोर्डिनेटर भी था। एक दिन उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं जूनियर आर्टिस्ट का काम करना चाहूंगा? मुझे इस काम के लिए 500 रुपए मिलने वाले थे। मैंने तुरंत हामी भर दी। शूटिंग के दौरान, ऑप्टिमिस्टिक प्रोडक्शन के हेड विपुल शाह ने मुझे ऑडियंस के आगे की लाइन में खड़ा कर दिया। मैंने शो की होस्ट गुल पनाग और हुसैन कुवाजेरवाला के पीछे डांस किया था। यह कुछ साल 2001 का किस्सा है। 2010 में मुझे इसी प्रोडक्शन हाउस के शो ‘सास बिना ससुराल’ में लीड एक्टर का रोल मिला। फिर तो यह सिलसिला कई शोज तक चलता गया। आज मेरे और विपुल के बीच गहरी दोस्ती हैं। टीवी में लोग रिस्क लेने से डरते हैं आम तौर पर टेलीविजन एक टेम्पलेट फॉलो करता है। बहुत सारे ऐसे कॉन्सेप्ट होते हैं जो सोसाइटी में रिलेवेंट होते हैं। लेकिन टीवी में इन कॉन्सेप्ट पर काम नहीं किया जाता है। यहां लोग रिस्क लेने से डरते हैं। स्टॉक मार्केट की कहानी सोसाइटी में काफी रिलेवेंट है लेकिन मैंने कभी किसी टीवी शो की कहानी इस कॉन्सेप्ट के इर्द-गिर्द नहीं देखी। इसीलिए, हमने इसे चैलेंज समझकर आगे बढ़ने का फैसला लिया। कोशिश यही है कि लोग सिंपल तरीके से स्टॉक मार्केट के बारे में सीखें और आगे बढ़ें।