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आज लोग लग्जरी गाड़ियों में बारात लेकर जाते हैं, लेकिन जालोर के बिजनेसमैन देसी ठाठ-बाट के साथ ऊंट गाड़ी में बेटे की बारात लेकर गए। 13 ऊंट गाड़ियों और दो ऊंटों पर सवार होकर बारात दुल्हन के घर तक पहुंची। दूल्हे ने ऊंट पर बैठकर ही तोरण मारा। बाराती सूट-बूट की बजाय परंपरागत सफेद कुर्ता-धोती और लाल पगड़ी पहनकर बारात में शामिल हुए। यह अनोखी बारात जालोर जिले के सायला उपखंड के बावतरा गांव से गुरुवार शाम को रवाना हुई थी। बावतरा निवासी बिजनेसमैन वगताराम देवासी ​​के बेटे विक्रम की शादी सायला के वालेरा गांव के किसान सोपाराम की बेटी पारस से गुरुवार रात हुई। बारात आज शाम बावतरा गांव लौटेगी।​​​​​ हालांकि दूल्हा-दुल्हन कार से घर लौटेंगे। बिजनेसमैन वगताराम की अफ्रीका और मैसूर (कर्नाटक) में प्लास्टिक आइटम की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है। ऊंट गाड़ी पर 15 किलोमीटर के सफर में आया आनंद
दूल्हे के चाचा सूरज देवासी ने बताया- भाई वगताराम देवासी जालोर के बड़े प्लास्टिक कारोबारी हैं। गुरुवार रात उनके बेटे विक्रम की शादी सम्पन्न हुई। वगताराम की इच्छा थी कि बारात ऊंटों पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे। ऐसे में हमने 15 ऊंटों पर बारात निकालने का विचार किया। हालांकि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए 40 कारों की व्यवस्था रही। बारात की निकासी गुरुवार शाम बावतरा गांव से हुई। मैसूर से बिजनेसमैन दोस्त भी बारात में शामिल हुए। उन्हें ऊंट गाड़ी से 15 किलोमीटर तक दुल्हन के घर पहुंचने में बहुत आनंद आया। यह अलग अनुभव था। सजी-धजी ऊंट गाड़ियों पर लाल गुमटियां बनाई थीं। बारात देख हर कोई हैरान रह गया। रास्ते में जगह-जगह बारात देखने के लिए लोग जुट गए। लोगों ने अपने मोबाइल में इस नजारे को कैद किया। वालेरा गांव में बारात का भव्य स्वागत हुआ। बारात ऊंटों पर निकालकर हमने मैसेज दिया है कि हमारे लिए कल्चर सबसे पहले है। हमारी कोशिश है कि हम अपनी संस्कृति को जीवित रखें।​​​ ​​​​ दूल्हा मैसूर यूनिट में डायरेक्टर है
सूरज देवासी ने बताया- वगताराम की अफ्रीका और (मैसूर) कर्नाटक में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हैं। इनमें प्लास्टिक के सभी प्रकार के घरेलू आइटम निर्मित होते हैं। वगताराम और हम चार भाई हैं। सभी भाई संयुक्त परिवार में रहते हैं। सभी बिजनेस भी साथ में ही करते हैं। विक्रम मैसूर यूनिट में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है। देवासी परिवार में करीब एक सप्ताह से विवाह की रस्में चल रही हैं। 7 जुलाई को विनायक पूजन हुआ। 10 जुलाई को बिंदौली निकाली गई। 11 जुलाई को शाम 4 बजे बावतरा से बारात ऊंटों और ऊंट गाड़ियों से वालेरा गांव के लिए रवाना हुई। रात करीब 9 बजे विक्रम ने किसान सोपाराम की बेटी पारस के साथ फेरे लिए। पारस 10वीं तक पढ़ी है। 13 जुलाई की शाम को नूतर (भोज) का आयोजन होगा। शादी में 2 हजार लोग शामिल हुए।​​​​ देखिए ऊंटों पर निकली बारात की तस्वीरें…

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