जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की और से इस साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। एडीआर भवन में आयोजित कार्यक्रम में जिला एवं सेशन न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास ने कहा कि कोटा न्याय क्षेत्र बड़ा न्याय क्षेत्र है। यहां पेंडिंग केस ज्यादा है। हम सभी का प्रयास है कि कोटा न्याय क्षेत्र में लोक अदालत में माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मामलों की निस्तारण करें। लोक अदालत का सार यही है कि किसी की जीत नहीं है,किसी की हार नहीं है। दोनों पक्ष जीत कर जाते है। लोक अदालत का फैसला अंतिम फैसला हो जाता है। हर केस में आगे अपील का प्रावधान है। जबकि लोग अदालत में दोनों पक्षों द्वारा सुझाए गए रास्तों पर राजीनामा है। इसलिए इसकी कोई अपील नहीं होती। दोनों पक्ष जीतकर जाते है।
इस बार लोक अदालत में सभी तरह के राजीनामे योग्य 21 हजार लंबित मामले एवं प्रीलिटिगेशन के 9 हजार के करीब मामले सुनवाई में रखे गए। लोक अदालत के तहत कुल 16 बेंचों का गठन किया गया।10 बेंच कोटा मुख्यालय पर व 2 बेंच रामगंजमंडी, और दीगोद,कनवास, सांगोद व इटावा में 1-1 बेंच का गठन किया। इनमें विशेष रूप से चेक अनादरण, बैंक वसूली, मोटरवाहन दुर्घटना, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, बिजली, पानी व मोबाईल के बिल, मजूदूरी व पैंशन सम्बधी व अन्य सहित मामले सूची बध्द किये गए।