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भरतपुर में शनिवार को लोक अदालत में 200 से ज्यादा पारिवारिक मामलों का निस्तारण किया गया। इस दौरान सालों से चले आ रहे पारिवारिक विवाद को सुलझाने में जज और वकीलों ने मध्यस्थता की। जिसके बाद पति-पत्नी साथ-साथ कोर्ट से अपने घर के लिए गए। कई मामलों में भरण पोषण राशि भी दिलाई गई है। इसके अलावा बिजली से संबंधित, बैंक से संबंधित, झगड़े, जमीन विवादों का भी निस्तारण किया गया। लोक अदालत में एक ऐसे मामले का भी निस्तारण हुआ, जिसमें पत्नी अपने पति और बच्चों के साथ अपने ससुराल लौटी और रजामंदी से केस वापस लेने पर सहमति बनी। दरअसल, लखनपुर थाना इलाके के गांव अस्तल के रहने वाले रोहिताश ने बताया- उसकी शादी 2015 में उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी इलाके के महदउ गांव की रहने वाली देव कुमारी से हुई थी। शादी के बाद रोहिताश और देव कुमारी के दो बच्चे हुए, जिसमें बड़ा लड़का 7 साल और छोटी लड़की 3 साल की थी। दोनों में एक साल पहले किसी बात को लेकर मनमुटाव हो गया। जिसके बाद दोनों अलग हो गए। देव कुमारी रोहिताश का घर छोड़कर अपने पीहर चली गई। बच्चे रोहिताश के पास रहने लगे। इस दौरान देव कुमारी ने आगरा कोर्ट से दहेज प्रताड़ना का रोहिताश के ऊपर केस कर दिया। दूसरी तरफ रोहिताश ने भी देव कुमारी के ऊपर सेक्शन 9 में केस कर दिया। दोनों का केस चल रहा था। यह मामला लोक अदालत में पहुंचा, जहां दोनों को बैठाकर समझाइश की गई। जिसके बाद दोनों एक दूसरे के साथ रहने के लिए तैयार हुए। दोनों ने एक दूसरे को कोर्ट में मालाएं पहनाई। जिसके बाद देव कुमारी अपने पति और बच्चों के साथ घर चली गई। रोहिताश उच्चैन में मोटर बाइंडिंग का काम करता है।

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