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नागौर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने खरपतवार नाशक दवा के प्रयोग से मूंग की फसल जलकर नष्ट होने के मामले में दवा विक्रेता व दवा निर्माता कम्पनी दोनों का दोषी माना है। इस मामले में आयोग ने माना कि खरपतवार दवा के प्रयोग से संबंधित किसान की आधी फसल नष्ट हुई है। इसलिए किसान के नुकसान की एवज में 75 हजार रुपए ब्याज सहित देने का आदेश दिया है। मुंबई की कंपनी, नागौर का दवा विक्रेता जिला‌ उपभोक्ता आयोग के सदस्य बलवीर खुड़खुड़िया ने बताया- नागौर के इंदास निवासी हरिराम ने उपभोक्ता आयोग में पेश होकर बताया कि इंदास सरहद स्थित खेत में मूंग की फसल बोई, जिसमें कचरा व घास आदि उगने पर यूपीएल कम्पनी मुंबई उत्पादित दवा नागौर स्थित दवा विक्रेता श्रीसंतोष बीज भंडार से 1 लीटर आइरिस दवा खरीदी थी। दवा खरीदने के लिए परिवादी ने 1 हजार 450 रूपए चुकाए और बिल प्राप्त किया। परिवादी हरिराम ने बताया दवा विक्रेता के बताए अनुसार आधे खेत में छिडकाव किया, लेकिन छिडकाव के तीन दिन बाद फसल जलने लग गई, जिससे काफी नुकसान हुआ। दवा निर्माता प्रतिनिधि ने टालमटोल किया तो कृषि विभाग में की शिकायत इसकी शिकायत दवा विक्रेता को करने पर दवा निर्माता का एक प्रतिनिधि आया लेकिन टालमटोल करके चला गया। बाद में पीड़ित हरिराम ने कृषि विभाग व जिला कलक्टर को शिकायत की तो सहायक कृषि अधिकारी ने मौका देखकर रिपोर्ट तैयार की। हल्का पटवारी व भू अभिलेख निरीक्षक ने भी मौका देखकर रिपोर्ट तैयार की। उसने बताया कि इस प्रकार खरपतवार दवा के छिडकाव से उसकी 8 बीघा में खड़ी मूंग की फसल जलकर नष्ट हो गई। मामला आयोग में आने पर आयोग ने दवा विक्रेता श्रीसंतोष बीज भंडार नागौर व दवा निर्माता कम्पनी यू.पी.एल. लिमिटेड, मुंबई को नोटिस जारी किया। दोनों ने नोटिस के जवाब में कहा कि किसान हरिराम ने निर्देशानुसार व सावधानीपूर्वक छिड़काव नहीं किया। दवा के छिड़काव से मूंग की फसल के जलकर नष्ट होने से भी इनकार कर दिया। उपभोक्ता आयोग ने माना दवा से फसल खराब हुई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुडखुडिया व चंद्रकला व्यास ने 7 पेज के निर्णय में माना कि खरपतवार नाशक दवा के छिड़काव से परिवादी की आधी फसल नष्ट हुई है, इसलिए परिवादी, कंपनी और दुकानदार से आयोग में परिवाद देने से वसूली तक 9 प्रतिशत सालाना व्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके साथ आयोग ने कंपनी व दुकानदार को परिवादी की मानसिक वेदना व परिवाद व्यय के रूप 5-5 हजार रुपए समेत कुल 10 हजार रुपये भी अदा करने का आदेश दिया। इस मामले में उपभोक्ता आयोग ने सहायक कृषि अधिकारी, नागौर की मौका रिपोर्ट एवं भू अभिलेख निरीक्षक नागौर व पटवारी की फर्द मौका रिपोर्ट का अध्ययन किया। रिपोर्ट में किसान हरिराम के खेत में मूंग की फसल जलने तथा खेत में खड़ी मूंग की फसल में कुछ पौधे जले हुए तथा शेष हरे भरे होना बताया गया। आयोग ने इन दोनों रिपोर्ट को सही पाया है। इस तरह आयोग ने माना की परिवादी की संपूर्ण फसल नष्ट नहीं हुई बल्कि आधी फसल खरपतवार नाशक दवा से जलकर नष्ट हुई है।

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