भास्कर संवाददाता|बांसवाड़ा शहर के अमन गौ धन्वंतरि जीव चिकित्सा केंद्र पर रविवार को बांसवाड़ा संभाग के गांवों, कस्बों और शहरों के गौ सेवकों की महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि इस युग में सर्वदेवमयी गोमाता की सेवा का अवसर मिलना हमारे पूर्व जन्म के पुण्य कर्मों का फल है। साथ ही इंसानों द्वारा प्लास्टिक के अधिक उपयोग से गोमाता की मौतें होने पर चिंता जताई। वक्ताओं ने प्लास्टिक का उपयोग बंद कर कपड़े की थैली अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा िक आज गौ गव्य की महत्ता को दुनिया स्वीकार करने लगी है और इसी का परिणाम है कि वर्तमान में गोमूत्र, गोबर, दुग्ध उत्पादों की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में देसी गोवंश के संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता है। इसके लिए हर घर गाय, घर-घर दूध के लिए देसी गाय पालनी होगी। आज गोमाता के गोबर से कई मूर्तियां, आकर्षक दीपक, धूपबत्ती आदि उपयोगी वस्तुएं बनने लगी हैं। गाय के दूध से कई प्रकार के मिष्ठान बन रहे हैं। हम सब गोसेवकों को चोटिल, बीमार और असहाय गोवंश को देखते ही प्राथमिक उपचार करने, अपने क्षेत्र के पशुधन सहायक, पशु चिकित्सकों से संपर्क में रहकर गोसेवा करने, निराश्रित गोवंश को गोशालाओं और चिकित्सा केंद्रों पर पहुंचाने के लिए सक्रिय रहने को कहा गया। साथ ही साथ अपने घर के बच्चों में गोसेवा के भाव बचपन में विकसित करने का आग्रह किया गया। सभी वक्ताओं ने गोसेवा, जीवदया व मानव सेवा के कार्य करने पर जोर दिया। साथ ही अपने व परिजनों के जनमदिन, विवाह की वर्षगांठ, पदोन्नति, व्यापार में वृद्धि होने पर गोशाला में गौ ग्रास कराने का लाभ लेने को कहा। गोष्ठी के अंत में सामाजिक समरसता भोज का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गोसेवक, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि और कई युवा गोभक्त उपस्थित रहे।