गौ तस्कर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। याचिका में गौ तस्कर के आरोपी नाज़िम खान की जमानत रद्द करने की मांग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा की सलाह के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को नाज़िम खान को जमानत दी थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से ना तो किसी वकील का वकालतनामा पेश हुआ, ना ही कोई वकील सुनवाई के दौरान उपस्थित हुआ। आरोपी का जमानत के दुरुपयोग का रिकॉर्ड है अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा द्वारा इस मामले में मुख्य सचिव और गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आरोपी के आपराधिक इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं आई। आरोपी के खिलाफ 7 मामले दर्ज है। जिनमें से चार समान प्रकृति के हैं। यदि ये जानकारी प्रस्तुत की गई होती, तो यह अदालत के निर्णय को प्रभावित कर सकती थी। क्योंकि आरोपी के जमानत का दुरुपयोग करने का रिकॉर्ड है। एएजी की सिफारिश के बाद अब राजस्थान सरकार ने आरोपी के पूरे आपराधिक इतिहास को अदालत के सामने लाने के उद्देश्य से एक पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया हैं। ताकि आरोपी की जमानत रद्द की जा सके और गौ तस्करी विरोधी कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने दी थी आरोपी को जमानत सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जव भुयान की बैंच ने 21 अक्टूबर को आरोपी को जमानत दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी उत्तरप्रदेश का रहने वाला है, ऐसे में राजस्थान में मुकदमें के दौरान उसके अनुपस्थित रहने की संभावना हैं। लेकिन उसे अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने का कोई कारण भी दिखाई नहीं देता है। क्या था मामला याचिकाकर्ता पर आरोप है कि वह और उसके सह-आरोपी गौ तस्करी में शामिल हैं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार 13 फरवरी 2021 को करौली जिले के नादौती थाना क्षेत्र में पुलिस गश्त के दौरान गंगापुर सिटी की ओर से आ रहे एक कन्टेनर को गौ तस्करी की आशंका में रोका गया। कंटेनर की जांच करने पर उसमें अलग-अलग उम्र की 26 गाए थी। जिनमें 3 से 6 साल की उम्र के तीन बछड़े और लगभग पांच साल की एक गाय मृत पाई गई। कंटेनर को जब्त कर लिया गया। चालक और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। लेकिन तीसरा व्यक्ति, जिसकी पहचान बाद में याचिकाकर्ता के रूप में हुई, भाग गया। जिसे इसी साल 30 अप्रेल को ही गिरफ्तार किया जा सका।