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घोषणा के बाद यह दूसरा मानसून फिर भी जर्जर पड़ा है बांडी का पुल

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भास्कर संवाददाता | पाली शहर को दो भागों में बांटने वाली बांडी नदी पर यातायात दबाव को कम करने के लिए पूरक बजट 2023 में फरवरी में 35 करोड़ की घोषणा हुई थी। घोषणा होने से शहरवासी इसे काफी बड़ी सौगात भी बताते थे, एक साल से अधिक समय होने के बाद भी एक भी पत्थर नहीं लगा। दावा किया जा रहा था कि इस मल्टीलेवल पुल का निर्माण फोरलेन की तर्ज पर होगा। टेंडर प्रक्रिया अटकी पड़ी रही। बारिश के मौसम में पुरानी पुलिया से खतरा रहता है। बारिश के मौसम में वर्तमान में बने पुलिया को कई बार बंद कर दिया जाता है। यह हाल बांगड़ अस्पताल में सुपर स्पेशिलिटी सेवाओं के हैं। बजट की कितनी घोषणाओं का पालीवासियों को कितना लाभ मिल पाएगा यह देखने वाली बात होगी। इन घोषणाओं का लाभ दो से तीन साल बाद मिलने की संभावना है। वह भी तय कार्यक्रम अनुसार टेंडर प्रक्रिया सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी हो तो। वर्ष 2024 के इस पूर्ण बजट में सोम-जाखम का अधिशेष पानी जवाई तक लाने 7 हजार करोड़ का प्रावधान भी है। जवाई नहर जीर्णोद्धार के लिए 2,280 करोड़ की घोषणा हुई थी। जोधपुर-रोहट-पाली-म ारवाड़ क्षेत्र में मारवाड़ इंडस्ट्रीयल क्लस्टर में आधारभूत सुविधा के लिए 150 करोड़ खर्च होंगे। यह सभी बड़ी घोषणाएं तीन साल तक पूरा होना संभव नहीं है। बजट में भी इसे लेकर जिक्र है कि जवाई नहर का जीर्णोद्धार के लिए 3 साल का समय भी रखा गया है। घर-घर कनेक्शन : मंडली जैतपुर-पुख्तारी पाइपलाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुआ, लेकिन यह भी पूरा नहीं हुआ है। पाइपलाइन का काम जरूर अंतिम चरण में है। लेकिन बाकी कार्य अब भी अधूरा है। रोहट क्षेत्र के गांवों में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए यह जरूरी था, अब काम पूरा हो तो समस्या का समाधान हो। { शहर में 15 सीसी सड़कें बननी थीं, आधी ही बनी, बाकी अधूरी पड़ी। { संस्कृत स्कूल व वैदिक स्कूल खुलना था अभी तक अता-पता नहीं { स्पोर्ट्स स्कूल बनना था, जमीन आवंटन तक अटक कर रह गया प्रोजेक्ट { जवाई में इको टूरिज्म की बात थी, लेकिन अभी कोई काम नहीं हुआ { 25 करोड़ की शहर की सड़कें अभी अधूरी हैं, डेडलाइन खत्म हो चुकी। { ब्लॉक स्तर पर सावित्रीबाई फुले डिजिटल लाइब्रेरी नहीं बनी। { ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर खुलना था, लेकिन नहीं खुला। { 100 सीट का विवेकानंद यूथ हॉस्टल खुलना था। { आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना था, कुछ नहीं हुआ। सुपर स्पेशिएलिटी सेवाएं : जिले के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल में 2022 के बजट में न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी, ग्रेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं की घोषणाएं हुईं। दो साल बाद भी सुविधा शुरू नहीं हुई। सपने दिखाए कि मरीजों को जोधपुर नहीं जाना पडे़गा, लेकिन इसमें न संसाधन मिले न डॉक्टरों की टीमांे की नियुक्ति हुई। जवाई पुनर्भरण : जवाई बांध तक पानी लाने के लिए उदयपुर में कोटड़ा में भुजा व चक सांडमाकिया में बांध का निर्माण होगा। 1800 करोड़ का बजट है। उस बांध से जवाई बांध में पानी लाने के लिए 1200 करोड़ खर्च का प्रावधान रखा था। काम शुरू हुआ, लेकिन अभी दो साल बाद भी 20 फीसदी तक काम पूरा नहीं हुआ। इससे पहले की घोषणाएं भी अधूरी

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