बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी ने अपने फिल्मी करियर पर बात की है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनकी पहली फिल्म 2003 में ‘फुटपाथ’ नहीं बल्कि यह जिंदगी का सफर होती लेकिन फिल्म की हीरोइन अमीषा पटेल ने उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्हें इस फिल्म से निकाल दिया गया था। लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में इमरान ने कहा, ‘मेरी पहली फिल्म यह जिंदगी का सफर थी जिसमें गोविंदा लीड रोल में थे। उस समय में रोशन तनेजा के स्कूल में एक्टिंग कोर्स कर रहा था। एक महीने बाद महेश भट्ट ने मुझे कॉल किया और कहा कि गोविंदा अब फिल्म का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि उनके पास डेट्स नहीं थीं। क्या तुम इस फिल्म में काम करोगे? मैंने रोशन तनेजा से बात की है। उन्होंने बताया कि तुम अब फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हो, मैं बेहद नर्वस हो गया क्योंकि अंदर से ऐसा लग रहा था कि मेरी कोई तैयारी नहीं है।’ इमरान आगे बोले, ‘मैं मेंटली एक दूसरी फिल्म के लिए तैयारी कर रहा था जो कि छह महीने बाद फ्लोर पर जा रही थी। मैंने भट्ट साहब को कहा कि मैं रेडी नहीं हूं। भट्ट साहब बोले-नहीं तुम कभी तैयार नहीं हो पाओगे, तुम्हें बस इस फिल्म में खुद को झोंक देना चाहिए। मैं तैयार नहीं था, उधर फिल्म की हीरोइन अमीषा को भी लगा कि मैं हीरो के तौर पर कच्चा हूं।’ मेरी कास्टिंग पर अमीषा को आपत्ति थी: इमरान इमरान ने इंटरव्यू में बताया कि अमीषा को लगता था कि मैं फिल्म में ठीक से काम नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहो न प्यार है के जरिए एक हिट फिल्म दे दी थी तो उन्हें चिंता थी कि फिल्म यह जिंदगी का सफर में उन्हें अच्छा हीरो मिले। वो एक्सपीरिएंस वाला एक्टर चाहती थीं और मैं बिल्कुल नया था जिसने केवल एक महीने का एक्टिंग कोर्स किया था। ऐसे में अमीषा ने महेश भट्ट से कहा, मुझे नहीं लगता कि इमरान फिल्म के लिए सही हैं। मैं उनकी ये बात सुनकर बहुत गुस्से में आ गया। मैंने भट्ट साहब से कहा कि मुझे एक चांस दे दीजिए लेकिन बात नहीं बनी। इमरान आगे बोले, ‘मैं अमीषा से बेहद गुस्सा था क्योंकि उन्होंने मुझे फिल्म से निकलवा दिया। मैं रोज सेट पर जाता था और कई बार उन्हें गुस्से में घूरता भी था। लेकिन आज मुझे लगता है कि अमीषा उस समय अपनी जगह बिल्कुल सही थीं। इस फिल्म में काम न करने के बाद मुझे विशेष फिल्म्स की फिल्म ‘फुटपाथ’ मिल गई थी जो कि मेरी पहली फिल्म बनी।’