जयपुर के एक मुनीम को हनी ट्रैप में फंसा कर 50 लाख रुपए लूटने का मामला सामने आया है। मुनीम विद्याधर नगर स्थित भाटी कॉम्प्लेक्स के एक ऑफिस में मालिक की अनुपस्थिति में अलमारी में रखे नोटों की गड्डियों को बिछाकर दोस्तों को वीडियो कॉल करता था। इसकी सूचना शेखावाटी की एक गैंग तक पहुंच गई। गैंग ने मुनीम को प्रेमजाल में फंसाने के लिए महिला को भेजा। महिला ने 21 जून की रात मुनीम को नशीला पेय पिलाकर बेहोश किया और गैंग ने 50 लाख रु. लूट लिए। पुलिस ने वारदात का खुलासा करते हुए महिला व प्रेमी इमरान को पकड़ लिया और 35.25 लाख रुपए बरामद कर लिए। आरोपी प्रभाती देवी उर्फ दीप्ति चूरू के गाजसर व इमरान खान चूरू के रतन नगर का रहने वाला है। मामले में तीन हिस्ट्रीशीटर सहित 4 आरोपी फरार हैं, उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा डूडी ने बताया कि डीसीपी बजरंग सिंह, एसीपी भोपाल सिंह भाटी व एसएचओ राकेश ख्यालिया के नेतृत्व में गठित आधा दर्जन टीमों ने 300 कैमरों के फुटेज व 110 मोबाइल नंबरों की सीडीआर का एनालिसिस कर वारदात का खुलासा किया है। वारदात के बाद उत्तराखंड घूमने चली गई थी गैंग एडिशनल कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने बताया कि महिला तलाकशुदा है और कुछ समय से इमरान के साथ रह रही थी। इस बीच मुनीम विजय के वीडियो कॉल की बात सामने आई तो इमरान के कहने पर महिला ने उसे प्रेमजाल में फंसा लिया। उसके ऑफिस में जाने के दौरान देखा कि यहां हर वक्त लाखों रुपए रहते हैं। इस पर इमरान ने नशीला पेय पिलाकर मुनीम को बेहोश करने और बाकी काम खुद संभालने की बात कही। प्रभाती 21 जून की देर शाम को वहां पहुंची और मुनीम को नशीला पेय पिलाकर बेहोश कर दिया। कुछ देर बाद इमरान साथी रतन नगर निवासी अभिषेक, फतेहपुर निवासी साहिल गाजी, साबिर और चूरू निवासी अमित कस्वां के साथ पहुंचा और अलमारी रखे 50 लाख रुपए व मुनीम का मोबाइल लेकर भाग गया। मोबाइल ले जाने के बाद कोई सुराग नहीं बचा, क्योंकि पूरी गैंग के बदमाश बार-बार नंबर व मोबाइल बदल रहे थे। इंटरनेट से वर्चुअल नंबर जनरेट कर आपस में करते थे बात फरार आरोपियों में शामिल साहिल, अभिषेक व अमित अलग-अलग थानों के हिस्ट्रीशीटर हैं। कुछ पैसे फरारी के दौरान खर्च हो गए और बाकी आरोपियों के पास हैं। ये गैंग इंटरनेट से वर्चुअल नंबर जनरेट कर आपस में बात करते थे।