जोधपुर के मार्केट में हजारों के नकली नोट होने की आशंका है। गुरुवार को पंजाब में पटियाला के सनोर से घर में नकली नोट बनाते पकड़े गए गुरजीत सिंह से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है। गुरजीत ने डेढ़ साल में 4 लाख रुपए के नकली नोट छाप दिए। जिन्हें जोधपुर, हिमाचल और अमृतसर के मार्केट में चला दिए। जोधपुर में दो बार में 83 हजार के पकड़े गए नकली नोट भी गुरजीत के ही थे। उससे पूछताछ में पता चला है कि वह पहले एक लैबोरेटरी चलाता था। इसमें मुनाफा ज्यादा नहीं होने से तंगी में रहने लगा। इसके बाद उसने नकली नोट बनाकर बेचना शुरू किया। यू-ट्यूब से सीखा, इंस्टाग्राम पर ग्राहकों को जोड़ा इसके लिए उसने यू ट्यूब से यह सब कुछ सीखा और इंस्टाग्राम पर ग्राहकों को जोड़ा। जोधपुर पुलिस के हत्थे चढ़ने के पहले तक आरोपी गुरजीत सिंह के खिलाफ यमुना नगर में नकली नोट बनाकर बेचने का एक मामला दर्ज है। हालांकि सरदारपुरा पुलिस को अभी तक इससे ज्यादा गुरजीत सिंह के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह और डीसीपी (पश्चिम) राजेश कुमार यादव के निर्देश पर कार्रवाई करने गई टीम ने गुरजीत सिंह को दबोचा। उसके बाद उसे 5 दिन की रिमांड पर लिया। जांच अधिकारी रीना विश्नोई ने बताया कि उसने डेढ़ साल पहले यह काम शुरू किया था। जिसमें उसने अब तक कुल 4 लाख रुपए के नकली नोट छाप दिए हैं। इसमें से उसने जोधपुर में दो बार में 83 हजार रुपए के नकली नोट बेचे हैं। जिसमें से एक बार माता का थान थाना पुलिस ने 45500 के नकली नोट के साथ अशोक और उसके अन्य साथियों को गाड़ी में नकली नोट का बंटवारा करते हुए दबोचा। दूसरी बार लोहावट के कुशलावा में नाबालिग को 37500 रुपए के नकली नोट दिए थे। इसके अलावा गुरजीत सिंह ने अमृतसर और हिमाचल में दो लड़कों को भी नकली नोट बनाकर बेचे। अशोक ने पहली बार नाबालिग को जरिया बनाया 3 जुलाई को माता का थान थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी अशोक लोहावट के कुशलावा निवासी नाबालिग (16 वर्षीय) दोनों पड़ोसी हैं। पहली बार नाबालिग को जरिया बनाकर अशोक गुरजीत सिंह से नकली नोट खरीदने के लिए गया। दूसरी बार में वह खुद ही ग्राहक बन गया और अपने लिए नकली नोट खरीदने चला गया। बाल अपचारी का इंस्टाग्राम के जरिए गुरजीत सिंह से संपर्क हुआ था। बाल अपचारी ने अपने साथी अशोक को पटियाला के सनोर में नकली नोटों की डिलीवरी लेने भेजा था। इसके बाद से अशोक भी गुरजीत सिंह के संपर्क में आ गया और नकली नोट लेकर आने लगा। गुरजीत ने फेक करेंसी नाम से इंस्टाग्राम पर चैनल बनाया। नकली नोट खरीदने वाले गुरजीत से इसी के मार्फत जुड़े। उसे जब नकली नोटों से जुड़े दूसरे अपराधियों से धमकियां मिलनी शुरू हुई तो इंस्टाग्राम चैनल बंद कर दिया। इसके बाद वह रुटीन में नकली नोट के लिए आने वाले लोगों को ही सप्लाई देता। पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि वह 1 लाख की नकली करेंसी के बदले 20 से 25 हजार रुपए तक लेता। शातिर इतना कि वॉट्स ऐप कॉल पर ही करता था बात नकली नोट बनाने का शातिर गुरजीत इतना शातिर था कि वह छोटी से छोटी बात के लिए वॉट्सऐप कॉल पर ही बात करता था। पुलिस ने नाबालिग की कॉल डिटेल की सीडीआर निकलवाई। इसमें जो आईएमईआई नंबर आए उनकी सीडीआर निकलवाई। उसमें जो टॉप मोस्ट कॉलर को ढूंढकर उनकी पहचान की। फिर उनकी लोकेशन ली। जो पटियाला में आ रही थी। तब यह प्रमाणित हो गया कि आरोपी पटियाला में ही है। इसके बाद आरोपी अशोक को ले जाकर वहां पर दबिश दी।