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पति के बेरोजगार होने पर दोनों में आए दिन झगड़ा होने से पत्नी डेढ़ साल से अलग रह रही थी। यह मामला शनिवार को आयोजित लोक अदालत में सामने आने पर समाजसेवी के माध्यम से पति को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसके बाद पत्नी फिर से पति के साथ रहने को राजी हो गई। इस प्रकार झालावाड़ में आयोजित लोक अदालत में 6 जोड़ों को समझाइश कर फिर से साथ रहने के लिए राजी किया। फैमिली कोर्ट झालावाड़ के जज दीपक दुबे की अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक विवाद और भरण-पोषण से संबंधित कुल 34 प्रकरणों का निस्तारण समझाइश और राजीनामे के माध्यम से किया। फैमिली कोर्ट में लंबित प्रकरणों में से 3 प्रकरण विवाह-विच्छेद के और 3 प्रकरण दांपत्य संबंधों की पुनर्स्थापना में पक्षकार के मध्य समझाइश कर साथ रहने के लिए राजीनामा कराया। प्रकरणों में दंपती पिछले 2 से 5 साल से अलग-2 रह रहे थे। इनको राष्ट्रीय लोक अदालत में तलब कर कोर्ट और नियुक्त काउंसलर्स की ओर से परिवार के महत्व के बारे में समझाइश कर साथ रहने के लिए राजी होने पर दंपती को आपस में पुष्पहार पहनाकर मुंह मीठा कराया। फैमिली कोर्ट के जज दीपक दुबे और अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज शशि गजराना ने दंपती के बीच वैवाहिक जीवन की पुनर्स्थापना होने के उपलक्ष्य में कोर्ट परिसर में पौधरोपण करवाकर सुखी वैवाहिक जीवन निर्वाह के लिए शपथ दिलवाकर शुभकामनाएं दीं। इनमें राजगढ़, बकानी, पिड़ावा, कनवाड़ा, भीलवाड़ा के दंपती मौजूद रहे। समाजसेवी ने अपने स्कूल में दी नौकरी
एक प्रकरण शिक्षा तिवारी बनाम विनीत पिछले डेढ़ साल से अलग रह रहे थे। इसका मुख्य कारण विनीत का बेरोजगार होना था। इस मामले में झालावाड़ के समाजसेवी एवं लेसिया स्कूल के निदेशक यूसुफ बाबू मुश्ताक ने स्वयं के संस्थान में विनीत को रोजगार देकर राजीनामा में मुख्य सहयोग दिया। पारिवारिक न्यायाधीश दुबे ने पक्षकार के बीच काफी समय से लंबित वैवाहित मतभेद के प्रकरण में लोक अदालत में समझाइश कर दंपती के बीच राजीनामा कराया। पुष्पहार पहनाकर मूंह मीठा कराया और भविष्य में सुखी वैवाहिक संबंध सहित रहने के लिए विदा किया। पिड़ावा लोक अदालत में 2143 मामलों का निपटारा
पिड़ावा में आयोजित लोक अदालत बेंच अध्यक्ष अमितेश कुमारी, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट व सदस्य गणेश शर्मा, तहसीलदार उदय सिंह मीणा, सहायक अभियोजन अधिकारी की उपस्थिति में पक्षकारो के मध्य समझाइश कर राजीनामा का प्रयास किया। लंबित 56 प्रकरण, राजस्व मामलों के 743 प्रकरण सहित प्रिलिटिगेशन के कुल 2143 प्रकरण समझौता राशि कुल 5 लाख 20 हजार 8851 रुपए समेत कुल 2942 प्रकरणों का निस्तारण किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट अमितेश कुमारी ने कई साल पुराने वैवाहिक विवाद के प्रकरण को समझाइश से निस्तारित किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पति-पत्नी को साथ रहने के फायदे बताए व समझाइस करने पर दंपती साथ रहने के लिए राजी हुए। कोर्ट से उन्हें खुशी-खुशी घर रवाना किया। लोक अदालत के सफल आयोजन में न्यायलयकर्मी शैलेश चतुर्वेदी रीडर, प्रदीप सिंह जैन, विकास सेहरावत, रतनलाल सोनी, कमलेश कुमार, विनोद शर्मा, श्यामलाल व अधिवक्ता कालूराम मेघवाल, विनोद शर्मा, मतीन खान अधिवक्ता ने मौजूद रहकर सहयोग किया।

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