पाली शहर के मुख्य रास्तों पर शुक्रवार को हरे रामा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे…जय जगन्नाथ जगत रो नाथ.. की गूंज सुनाई दी। साथ चल रहे पुरुष, महिलाएं, यूथ और बच्चे इन धुनों पर कभी दोनों हाथ खड़े कर नृत्य कर रहे थे तो कभी ग्रुप बनाकर हाथों में हाथ डालकर सड़क के एक कोने से दूसरे कोने तक जाते हुए कदम ताल कर रहे थे। मौका था इस्कॉन के बैनर तले पाली में पहली बार निकाली गई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का। अग्रसेन भवन से पूजा अर्चना कर शुरू हुई रथयात्रा ने पूरी जगन्नाथ के दृश्य को जीवंत कर दिया। भगवान के रथ खींचने के लिए 121 फीट लंबे दो रस्से रखे, जिनको थामकर एक साथ 600 लोग रथ खींच रहे थे। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन पाली केंद्र के अध्यक्ष कार्तिक कृष्णदास ने बताया कि रथयात्रा में भगवान के दर्शन और रथ खींचने को बहुत शुभ माना है। सभी इसका लाभ उठा सके इसके लिए रस्सियों की लंबी ज्यादा रखी। रथ के आगे पंथ बुहारने (झाडू लगाने) के लिए लोग उत्साहित नजर आए। रथयात्रा पानी दरवाजा, सर्राफा बाजार, धानमंडी, सोमनाथ मंदिर, सूरजपोल, नहर चौराहा, शिवाजी सर्कल से होते हुए बापू नगर अमरनाथ नगर स्थित इस्कॉन केंद्र पहुंच संपन्न हुई। शुरुआत में पालनपुर से लाए गए भगवान श्री जगन्नाथजी, उनके भाई बलरामजी व बहन सुभद्राजी के विग्रह को रथ में बिठाया और महाआरती की ।इस दौरान पूर्व सांसद पुष्प जैन, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा, अशोक बाफना, सभापति रेखा-राकेश भाटी, इस्कॉन केंद्र के सेवक डिस्कॉम एईएन कुलदीप शर्मा, नगर परिषद जेईएन योगेश प्रजापत, सुरेंद्र पाटनेचा, अभिलाष साईं भी मौजूद रहे। रथयात्रा की बड़ी बात ये थी कि इसमें युवाओं की संख्या अधिक थी। पालनपुर, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर से इस्कॉन के वैष्णवों द्वारा विशेष कीर्तन व नृत्य करने वाली मंडलिया आई। उसमें भी युवा ही थे जो पूरे रास्ते वाद्य यंत्र बजाते हुए हरे रामा हरे कृष्णा की धुन गाते रहे। उन्होंने ऐसा माहौल बना दिया कि रथयात्रा जिस मार्ग से गुजरी वहां से गुजर रहे राहगीर व दुकानदार तक उनके साथ कीर्तन करने लगे। रथ यात्रा मार्ग पर रंगोलियां सजाई और जगह-जगह स्वागत किया गया। दिल्ली से मंगवाए विशेष पुष्पों से भगवान श्री जगन्नाथजी के रथ को सजाया
दिल्ली से मंगवाए विशेष पुष्पों से भगवान श्री जगन्नाथजी के रथ को सजाया गया था। समापन पर भगवान को चढ़ाया छप्पन भोग रथयात्रा के समापन पर इस्कॉन केंद्र में भगवान को छप्पन भोग चढ़ाया। हजारों लोगों की मौजूदगी में महाआरती कर महाप्रसादी की। श्रद्धालुओं की भीड़ होने के बावजूद व्यवस्था चाक चौबंद रही। अंत में अध्यक्ष कार्तिक कृष्णदास ने आभार जताया।
