यह सस्थाएं जिन्हें रियायती दर पर दी गई जमीन गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद : संस्था को मेट्रो एनक्लेव योजना (बी-टू बाईपास) में 906.07 वर्ग मीटर जमीन 30 सितंबर-2023 को आरक्षित दर के 10 प्रतिशत पर दी है। संस्था ने जमीन पर ट्रेनिंग भवन, छात्रावास, सूचना केन्द्र, विश्राम स्थल व ऑडिटोरियम बनाने का उद्देश्य बताया है। आदिवासी मीना कर्मचारी विकास समिति (बस्सी): इस संस्था को 600 वर्गमीटर जमीन विराजपुरा (बस्सी) जेडीए रीजन में 30 सितंबर-2023 को आरक्षित दर की 10 प्रतिशत दर पर दी गई। संस्था ने इस जमीन पर सामाजिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियां चलाने का उद्देश्य बताया है। रैगर ऑफिसर्स क्लब समिति: इस संस्था को 5000 वर्गमीटर जमीन सिरोली-गोनेर गांव के पास जेडीए रीजन में 9 मार्च-2023 को आरक्षित दर की 5 प्रतिशत दर पर दी गई है। समिति ने यहां बालिका छात्रावास निर्माण का उद्देश्य बताया है। नोहर नागरिक समिति को विद्याधर नगर में जमीन : सरकार ने 25 अप्रैल-2023 को नोहर नागरिक समिति 1500 वर्गमीटर जमीन विद्याधर नगर सेक्टर-4 में 50 प्रतिशत की दर पर आवंटित की। संस्था ने इस जमीन को उपयोग सामाजिक कार्यों व संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बताया है। संस्था नोहर (हनुमानगढ़) के जयपुर में रह रहे नागरिकों ने बनाई है। अधिकारी-कर्मचारी संगठनों को देते हैं जमीनें राज्य सरकार ने जयपुर में आरएएस क्लब को, राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) व लेखा सेवा के अधिकारियों के संगठनों को भी जेएलएन मार्ग और झालाना सांस्थानिक क्षेत्र में जमीनें आवंटित की हैं। इन जमीनों पर उन संगठनों के क्लब या कार्यालय कई वर्षों से संचालित हो रहे हैं। इन संगठनों को काडर आधारित होने के कारण जमीनें मिली हैं। जाति व समाज का आधार नहीं है। जयपुर | प्रदेश में पूर्व सरकार के समय अधिकारियों व कर्मचारियों की जातिगत संस्थाओं को भी रियायती दर पर जमीन देने का मामला सामने आया है। पूर्व सरकार ने विधानसभा चुनावी साल में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 45 संस्थाओं, समाज व ट्रस्ट को जमीन आवंटित की। जिसमें से 31 आवंटन पत्र जारी भी किए जा चुके है। मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ की ओर से विधानसभा में लगाए सवाल के जबाव के बाद यह खुलासा हुआ है। इसमें से अधिकांश जमीनें जयपुर के आसपास सबसे प्राइम व महंगी रेट वाले इलाकों में है। बताया जा रहा है कि जातिगत आधार पर बने सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के संगठनों को जमीन आवंटन का यह पहला मामला है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से सामाजिक संस्थाओं को सामाजिक कार्यों के लिए जेडीए पहले भी जमीनें आवंटित करती रही हैं। विधायक कालीचरण सराफ के सवाल पर यूडीएच की ओर से दिए जबाव में सामने आया है कि एक जनवरी-2023 से 9 अक्टूबर-2023 को चुनाव आचार संहिता लगने के बीच कुल 45 संस्थाओं को जेडीए रीजन में जमीनें आवंटित की थीं। इनमें से 36 संस्थाओं को चुनाव आचार संहिता लागू होने से दो सप्ताह के अंदर जमीनें आवंटित की गई हैं। कर्मचारी व अधिकारियों की जातिगत आधार पर बनी तीन संस्थाएं भी इसमें शामिल है।