जयपुर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के दौरान चाकसू से बीजेपी विधायक राम अवतार बैरवा नाराज हो गए। दरअसल, आज कलेक्ट्री परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान राम अवतार बैरवा का नाम पौधे के पास नहीं लगा था। इस पर उन्होंने कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि क्या आप चाकसू को जयपुर का हिस्सा नहीं मानते हैं। इस बीच कांग्रेसी विधायक मनीष यादव ने समझाकर मामला शांत कराने की कोशिश की। लेकिन बैरवा नहीं माने। विवाद बढ़ता देख कलेक्ट्री के कर्मचारियों ने एक पौधे के पास लगा हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य के नाम का स्टिकर हटाकर राम अवतार बैरवा का स्टिकर लगा दिया। इसके बाद उनसे पौधारोपण करवाया। तब जाकर चाकसू विधायक की नाराजगी कम हुई। जयपुर जिले की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी दरअसल, जयपुर कलेक्ट्री में आज प्रभारी मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में पहली बार जयपुर जिले की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में बीजेपी विधायक कालीचरण सर्राफ, गोपाल शर्मा, राम अवतार बैरवा, महेंद्र पाल मीणा और सांसद मंजू शर्मा ही पहुंचे थे। इस बैठक के बाद कलेक्ट्री परिसर में ही बने गार्डन में पौधारोपण का कार्यक्रम था। इसमें जयपुर जिले के सभी विधायकों और सांसदों को एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत लगाना था। लेकिन कार्यक्रम से पहले ही बीजेपी के सांसद और विधायक कलेक्ट्री परिसर से चले गए। इसके बाद वहां मौजूद कांग्रेसी विधायक विद्याधर चौधरी, प्रशांत शर्मा, मनीष यादव, शिखा मील बराला ने पौधारोपण किया। ऐसे शुरू हुआ पूरा विवाद पेड़ों के नजदीक जयपुर जिले के विधायक और सांसदों का अलग-अलग नाम लिखा हुआ था। लेकिन चाकसू विधायक राम अवतार बैरवा का नाम नहीं था। इसे देख वह नाराज हो गए। उन्होंने जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित के सामने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि क्या आप चाकसू को जयपुर का हिस्सा नहीं मानते हैं, मेरे नाम से आज यहां पौधारोपण क्यों नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने बैरवा से कहा- यहां आपके नाम का भी पौधा लगाया जाएगा। इस पर बैरवा ने कहा कि मैं पूरा परिसर घूम चुका हूं, कहीं पर भी मेरे नाम की पट्टिका के साथ पौधा नहीं लगाया गया है। कांग्रेस विधायक समझाने पहुंचे शाहपुरा से कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने नाराज बैरवा को मनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा- आप मेरी पट्टी पर अपना नाम लिख लीजिए। बैरवा ने कहा- आखिर ऐसा क्यों करूं, इन लोगों ने मेरे को क्या विधायक नहीं समझ रखा है। क्या चाकसू को यह लोग जयपुर जिले का हिस्सा नहीं मानते हैं। मामला बढ़ता देख जयपुर कलेक्ट्री के अधिकारियों ने एक पौधे पर लगा नाम का स्टिकर बदल दिया। इसके बाद बैरवा ने पौधारोपण किया।