टोंक में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर गुरुवार को यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ यूनानी में मानव संसाधन विकास केंद्र के संयोजन से सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें जनसंख्या नियंत्रण के बारे में यूनानी पद्धति से अवगत कराया गया। इस दौरान डॉ. सुमबुल ने बताया कई दशकों पहले हकीम अरस्तू ने परिवार नियोजन का कॉन्सेप्ट दिया था और इसके लिए इस्तेमाल होने वाली औषधियां के बारे में बताया था। हकीम इस्माइ जुर्जानी ने सबसे पहले गर्भ निरोधक कवच का नजरिया पेश किया था। उन्होंने बताया कि यूनानी गर्भ निरोधक औषधियों पर अधिक रिसर्च की जाए तो कम लागत में सुरक्षित और दुष्प्रभाव रहित गर्भनिरोधक में यूनानी चिकित्सा एक विकल्प बन सकती है। इस अवसर पर कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. सरफराज अहमद, उप प्राचार्य नाजिया शमशाद, डॉ. शाहिद अली खान, डॉ. राशिद अली खान, डॉ. खतीब अहमद, डॉ. अब्दुल अलीम, डॉ. अनिसुर रहमान, डॉ. मरगूब अहमद, डॉ. फातिमा अंजुम, डॉ. अमजद सैफी, डॉ. मोहम्मद आसिफ, डॉ. सामिया आदि विद्यार्थी एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहे। 110 पौधे लगाए, लोगों को भी प्रेरित करने का लिया संकल्प
डॉ. राधाकृष्णन आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी जोधपुर के अधीन संचालित राज्य के पहले सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज में 110 पौधें लगाकर स्टूडेंट्स को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। साथ ही आमजन को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने का भी संकल्प लिया गया। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ यूनानी टोंक में उप प्राचार्य डॉ. नाजिया शमशाद के नेतृत्व में पौधारोपण अभियान चलाया गया। यहां 110 पेड़ लगाए गए। इनपुट: एम असलम।
