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जिला महिला एवं बाल हॉस्पिटल में एक प्रेंगनेट महिला को दो युवकों ने खून देकर जान बचाई। दोनों डोनर अपना अपना काम छोड़कर आए। इसे देखकर परिजन भी भावुक हो उठे। महिला का बच्चा ट्यूब में फंस गया था, जिसके कारण ट्यूब फट गई थी। इससे महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई। जान बचाने के लिए परिजनों ने संस्था टीम जीवनदाता से संपर्क किया। टीम जीवनदाता ने दोनों डोनर को इसकी जानकारी दी। बच्चे को नहीं बचा पाए, लेकिन मां को जरूरत थी खून की जिला महिला एवं बाल हॉस्पिटल में भर्ती एक तीन महीने की गर्भवती महिला जवानपुरा निवासी रेखा जाट को अचानक से भारी ब्लीडिंग होने लग गई। डॉक्टर ने चेक किया तो पता चला की रेखा के गर्भ में पल रहा बच्चा ट्यूब में फंस गया था। जिसके कारण ट्यूब फट गई। ऐसे में डॉक्टर ने रेखा की जान को खतरे बताया। बच्चे की जान नहीं बच पाई लेकिन परिजन मां की जान बचाने में जुट गए। परिजनों ने ब्लड बैंक से AB नेगेटिव ग्रुप का खून मांगा। इस दौरान परिजनों को पता चला की ब्लड बैंक में सिर्फ एक यूनिट खून है, जबकि रेखा को 3 यूनिट खून की जरूरत है। AB नेगेटिव ग्रुप सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप है, जो बहुत ही मुश्किल से मिलता है। ड्यूटी छोड़कर पहुंचे हॉस्पिटल परिजन जैसे ही टीम जीवनदाता के पास पहुंची तो टीम जीवनदाता के संस्थापक अध्यक्ष धीरज धाकड़ ने ग्रुप से जुड़े एबी नेगेटिव ग्रुप के डोनर बापूनगर निवासी अखिलेश माली से संपर्क किया। अखिलेश माली सरस डेयरी से ड्यूटी छोड़कर 15 मिनट में ब्लड बैंक पहुंचे। जहां अखिलेश ने अपने जीवन का 19वीं बार रक्तदान किया और जीवनदान दिया। इसी के साथ डॉक्टर ने एक यूनिट ब्लड की और जरूरत बताई। टीम जीवनदाता फिर से एबी नेगेटिव ग्रुप के डोनर पीपलवास निवासी सोनू जाट से कांटेक्ट किया। सोनू जाट भी अपनी खेती का काम छोड़कर 30 मिनट में ब्लड बैंक पहुंचे और उन्होंने भी अपना छठी बार रक्तदान कर ज़िंदगी बचाई। दोनों के द्वारा दी हुई एक यूनिट खून से रेखा की जान बच गई। इस पूरे सेवा के सिलसिले को देख परिजन भावुक हो उठे।

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