राजस्थान में पिछले कई सालों से राज्य बजट में छाया ‘घोषणाओं का मानसून’ इस बार भी खूब बरसा। विधानसभा में लहरिया साड़ी पहने वित्त मंत्री दीया कुमारी ने एक के बाद एक 188 बड़ी घोषणाएं कर दीं। पिछले कई सालों से अशोक गहलोत के बजट को मैजिकल बना रहे अफसरों ने ही ये बजट तैयार किया। लिहाजा अधिकारियों ने उसी छड़ी को नए सितारे लगा कर सरकार के हाथों में दे दिया। CM भजनलाल शर्मा मुस्कुराते हुए पूरा दम लगाकर मेज थपथपा रहे थे, मानो केंद्र की मोदी सरकार की तरह साफ मैसेज देने की कोशिश कर रहे थे कि हम पांचवें साल का इंतजार नहीं करते। घोषणाएं पहले साल में ही लीजिए। सबसे बड़ा ऐलान- चार साल में चार लाख नौकरियां। अगर इसमें कोई नियम-शर्त नहीं है तो राजस्थान ही नहीं, भाजपा का गणित, इतिहास-भूगोल बदल सकता है। दीया कुमारी ने 2.51 घंटे के बजट भाषण में सभी वर्गों और इलाकों के लिए कुछ न कुछ घोषणाएं कीं। अब बड़ा सवाल है कि 9 महीने में ये घोषणाएं धरातल पर कैसे आएंगी? भजनलाल सरकार के बजट में क्या खास है? इसे कुछ सवालों से समझते हैं बजट में कुछ सियासी गणित छुपा हुआ है क्या?
हां, पहले ही बजट में पांच साल आगे की तैयारी दिखती है। अब तक राजस्थान में भाजपा सरकारों के काम में गुजरात मॉडल दिखता था, जो अब शिफ्ट होकर मध्यप्रदेश पर पहुंचा है। यहां भाजपा पहले से मजबूत है। मध्यप्रदेश में ‘लाडली बहना’ काफी चर्चा में रहती है। अब राजस्थान में केंद्र की ‘लखपति दीदी’ योजना शुरू की गई है। इसका सीधा मकसद 15 लाख महिलाओं के परिवारों तक भाजपा का संदेश पहुंचाना है। राजस्थान में महिलाओं से जुड़ी कोई योजना नहीं थी। दूसरा, मध्यप्रदेश के बजट में भी 4 लाख नौकरियों की घोषणाएं थीं, उसी तर्ज पर यहां भी 4 साल में 4 लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा कई ऐसी योजनाएं हैं, जो MP की तर्ज पर हैं। मध्यप्रदेश की तर्ज पर ही यहां भी कुलपति अब कुलगुरु होंगे। क्या राजस्थान में चार लाख सरकारी नौकरियां मिलेंगी?
यक्ष प्रश्न ये ही है। राजस्थान में अधिकतम 8 लाख सरकारी नौकरियां हैं। दूसरा, हर साल सरकारी नौकरियों में 30 से 32 हजार पद ही खाली होते हैं। अभी राजस्थान में सभी विभागों को जोड़ दें तो करीब 1 लाख 70 हजार पद खाली बताए जाते हैं। ऐसे में चार लाख भर्तियां होना संभव नजर नहीं आ रहा है और न इतने नए पद सृजित होना संभव दिख रहा। सरकार ने ये भी साफ नहीं किया है कि इसमें संविदा पर होने वाली भर्तियां शामिल हैं या नहीं। पिछली सरकार के भी इसी तरह की घोषणाएं और दावे थे। हां, इतना जरूर है कि निजी और अन्य सेक्टर में ये नौकरियां सरकार अपने प्रयासों से दिला सकती है। बजट में भी तीन डिपार्टमेंट में कुछ हजार भर्ती की बात है, बाकी कहां पर ये भर्तियां होंगी, इसकी जानकारी नहीं है। संभवत: 1500 ट्रैफिक वॉलंटियर्स की तरह ही कुछ संविदा पर भर्ती किए जाएं। बजट में सबसे अधिक फोकस किस बात पर किया गया है?
बजट में 40 घोषणाएं छात्र और युवा वर्ग के लिए की हैं। इसके अलावा सबसे अधिक फोकस बुनियादी सुविधाओं यानी सड़क, बिजली और पानी पर किया गया है। 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की बात कही गई है। ऐसा होता है तो सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत होगा। साथ ही 25 लाख घरों तक नल कनेक्शन की बात है। घर-घर पानी की मुहिम को काफी फायदा मिलेगा। राजस्थान में 3 नए सोलर पार्क और हर गांव में 2 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट से राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश भी इसमें दिखती है। महंगाई से नियंत्रण के लिए कुछ किया है?
हां, थोड़ा प्रयास दिखता है। अभी कोई बड़ा चुनाव नहीं होने के बावजूद सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। CNG को सस्ता किया है। पेट्रोल और डीजल पर पहले से टैक्स घटाया जा चुका है। प्रॉपर्टी और जमीन से जुड़े कुछ मामलों में राहत दी गई है। इसका सीधा फायदा आमजन को होगा। किसानों के लिए कुछ किया गया है?
ज्यादा कुछ नया नहीं है। फसली ऋणों पर आमतौर पर सभी सरकारें राहत देती आई हैं। इस बार 5 लाख नए किसानों को फसली ऋण और ब्याज में छूट देने की बात कही गई है। नहरी क्षेत्र में डिग्गी निर्माण के लिए 5 हजार किसानों को अनुदान दिया जाएगा। एक लाख 45 हजार बिजली कनेक्शन देने की बात है। ये घोषणा भी हर बार होती है, लेकिन कब तक कितने दिए जाएंगे, कह नहीं सकते। बजट में हर बार से अलग क्या है?
तीन चीजें अलग हैं। पहली, आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन दिन गरीब बच्चों को दूध देने की योजना। इससे गरीब और कुपोषित बच्चों का ख्याल रखा जाएगा। दूसरी, हरित राजस्थान एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रयास इस बजट में नजर आते हैं। 5 साल में 4000 करोड़ के काम हाथ में लिए जाएंगे। 10 करोड़ पौधे तैयार करने के लिए नई नर्सरी बनाई जाएंगी। हर जिले में स्थानीय पौधे तैयार होंगे। तीसरी, SC-ST वर्ग में आने वाले सरकारी कर्मचारियों को सस्ता लोन भी दिया जाएगा। सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ काम करने वाली महिलाओं को भी सरकार कम ब्याज में लोन देगी, जबकि राजस्थान के स्कूली स्टूडेंट का मेरिट में आने पर टैबलेट और फ्री इंटरनेट की भी घोषणा की गई है बजट में OPS और जिलों को लेकर क्या कहा गया?
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार की क्या नीति है, ये स्पष्ट नहीं की गई है। चिरंजीवी योजना का नाम बदल कर आयुष्मान किया गया था, लेकिन उसमें क्या नया या अलग होना है, इसको लेकर भी बजट में कुछ साफ नहीं किया है। जिलों को लेकर भी बात होनी थी, लेकिन इसे भी सरकार ने बजट में जगह नहीं दी। सरकारी कर्मचारियों को तबादला नीति की भी उम्मीद थी, लेकिन ऐसी कोई नीति भी नहीं आई है। हालांकि, कर्मचारियों के सास-ससुर का RGHS के तहत इलाज की सुविधा देकर परिवारों को साधने का प्रयास दिखता है। बीजेपी के कोर एजेंडे पर कितना ध्यान दिया?
भाजपा की ताकत विकास के मॉडल के साथ हिंदूवादी भावना को जगाए रखने की रही है। इस बजट में भी इसका पूरा ख्याल रखा है। हिंदुत्व और धर्म के मुद्दे की झलक इस बजट में भी दिखाई दे रही है। दीपावली, होली, शिवरात्रि और रामनवमी पर मंदिरों की सजावट के लिए 13 करोड़ रुपए देने की बात कही गई है। यानी सालभर BJP इस बात को प्रचारित करेगी कि वह धर्म और आस्था पर कितना विश्वास रखती है। इसके अलावा खाटूश्यामजी के लिए काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनेगा। मंदिरों के धार्मिक पर्यटन के नजरिए से सौंदर्यीकरण, जर्जर ढांचों की मरम्मत जैसी कुछ घोषणाएं हैं। बजट के दौरान कांग्रेस का हंगामे वाला रुख क्यों?
बजट के दौरान विपक्ष ने बीच-बीच में हंगामा किया। सदन में कांग्रेस का आरोप रहा कि उनकी सरकार के समय की योजनाएं ही पेश की जा रही हैं, बस नाम बदले जा रहे हैं। चिरंजीवी को बदल कर आयुष्मान और कुछ योजनाओं के नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से कर दीं। कांग्रेस ने हंगामे के दौरान कहा कि बजट में इस साल के लिए खास कुछ नहीं है। साथ ही, कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की अनुपस्थिति को भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया। विपक्ष का कहना था कि कृषि का बजट संबंधित मंत्री ही पेश करें। क्या बजट से उपचुनाव में फायदा होगा? भजनलाल सरकार के पक्ष में माहौल बनेगा?
ये कहना तो जल्दबाजी होगा। सरकार बने छह महीने से अधिक का समय हो चुका है। सरकार बदलने के बाद से ही कांग्रेस भाजपा पर पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने की मंशा रखने के आरोप लगा रही थी, लेकिन इस सरकार ने अपने फुल बजट में जनता के बीच ऐसा कोई संदेश नहीं जाने दिया। अब मैसेज जरूर जाएगा कि बंद कुछ नहीं किया है। सरकारी कर्मचारियों को ज्यादा कुछ तो नहीं मिला, लेकिन SC-ST के कर्मचारियों को कम ब्याज दर पर लोन देने जैसी घोषणाएं की गई हैं। यूथ, महिला, किसान सहित सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ किया गया है। पूरे राजस्थान में एक ही चर्चा है कि आर्थिक स्थिति पहले से खराब है। ऐसे में वादों को पूरा करने के लिए पैसे कहां से आएंगे? दो बड़े कंफ्यूजन ये खबर भी पढ़ें… हर साल 1 लाख नौकरी, बच्चों को फ्री टैबलेट-इंटरनेट मिलेगा:राजस्थान में सस्ती होगी CNG; पंचायत चुनाव एक साथ होंगे, कर्मचारियों-महिलाओं को सस्ता लोन मिलेगा राजस्थान बजट में क्या सस्ता-क्या महंगा?:50 लाख के फ्लैट की रजिस्ट्री पर 65 हजार की बचत, सस्ती मिलेगी सीएनजी बजट में आपके शहर को क्या मिला:पाली और भीलवाड़ा में बनेगा नगर निगम, जयपुर में 9 जगह फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड बनेंगे दीया बोलीं-युवाओं की बात कर रही हूं,वो तो सुन लीजिए:स्पीकर ने धारीवाल से कहा- आप बीमार हो बैठिए; विपक्ष के नेता चुप बैठे, आप नेतागिरी कर रहे राजस्थान की 15 लाख महिलाएं बनेंगी ‘लखपति दीदी’:गुजरात से मिला था आइडिया; कौनसी महिलाएं पात्र और कैसे कर सकेंगी आवेदन