विधानसभा में बजट के बाद सत्र को 23 जुलाई तक संचालित करने के लिए फिलहाल कार्य सलाहकार समिति ने निर्णय किया। समिति के चतुर्थ प्रतिवेदन को मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने सदन में रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके अनुसार 23 जुलाई तक 4 दिन अवकाश रहेगा। सदन का 13 व 14 जुलाई, 17जुलाई और 21 जुलाई को अवकाश रहेगा। शेष 12, 15, 16, 18, 19, 20 और 22 व 23 जुलाई को 8 दिन सदन चलेगा। इन 8 दिन में बजट पर बहस के लिए 16 घंटे समिति ने तय किए। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कार्य सलाहकार समिति के प्रतिवेदन को पारित करवाते वक्त दलों के लिए बजट पर बोलने का समय का बंटवारा किया गया, उसकी घोषणा की। इसके अनुसार 16 घंटे में से बीजेपी को 9 घंटे 26 मिनट, कांग्रेस को 5 घंटे 25 मिनट, बीएपी को 15 मिनट, बसपा को 10 मिनट, आरएलपी को 5 मिनट और निर्दलीय को 39 मिनट बजट पर बोलने के लिए दिए जाएंगे। इसमें बजट पर बहस के साथ ही बजट की अनुदान मांगों पर विचार और मतदान भी होगा। गौरतलब है कि 10 जुलाई को कार्य सलाहकार समिति की स्पीकर के कक्ष में बैठक हुई थी, उसमें बजट सत्र 23 जुलाई तक बढ़ाने और बजट पर बहस व अनुदान मांगों पर विचार और मतदान का फैसला किया था, जिसे गुरुवार को पारित करवाया गया। सत्र के प्रश्न 29 जुलाई तक के स्वीकार हो चुके बजट सत्र के माह के अंत तक चलने की संभावना है। अभी कार्य सलाहकार समिति ने 23 जुलाई तक की ही अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। प्रश्न काल के लिए प्रश्न और अन्य प्रस्ताव 29 जुलाई तक के लग चुके। इसके देखते हुए तय है कि बजट सत्र जुलाई माह के अंत तक या अगस्त के प्रथम सप्ताह तक चल सकता है।

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