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भू-माफिया ने मृत बुजुर्ग व्यक्ति के नाम से फर्जीवाड़ा कर जमीन बेच दी। इस बारे में परिवार को दो दिन पहले ही पता चला। अब जमीन मालिक ने अलवर के अरावली विहार थाने में मामला दर्ज करवाया है। उप पंजीयक अनिल ने कहा है कि मुकदमा दर्ज कराकर रजिस्ट्री कैंसिल कराओ। ये फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री कराना हो सकता है। मामले के अनुसार- अलवर के पास चांदोली गांव में रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग की 8 साल पहले मौत हो चुकी है। भू माफिया ने उनके नाम से फर्जीवाड़ा कर 7 बहन-भाइयों के हिस्से आने वाली करीब पौने 4 बीघा जमीन बेच दी। रिवार को दो दिन पहले पता चला कि जमीन को चूरू के रतनगढ़ के चंद्रप्रकाश नाम के व्यक्ति ने खरीद लिया है। जमीन का फर्जी मालिक बनने वाला चंदू अलवर के हजूरी गेट का रहने वाला है। रजिस्ट्री पर चंदू की फोटो लगी है जो उम्र में काफी कम दिख रहा है। यही नहीं उसका पता भी चांदोली की बजाय अलवर हजूरी गेट है। इसके बावजूद जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। 1 जुलाई को जमीन का फर्जी बेचान पीड़ित कन्हैयालाल ने बताया कि 9 जुलाई को वे तहसील में आए। यहां जमीन के कागजात निकलवाए तो जमीन का मालिक चंद्रप्रकाश मिला, जिसका पता रतनगढ़ चूरू निकाला। जमीन को एक जुलाई को ही बेचा गया है। जमीन बेचने वाला चंदू हजूरीगेट का निकला जबकि उसके पिता चंदू लाल की मौत हुए 8 साल हो गए हैं। भू-माफिया ने बेहद शातिर तरीके से जमीन को बेचा है। असली मालिक का नाम चंदू उर्फ चंदूलाल है जबकि फर्जी मालिक बनने वाले का नाम चंदू है। दोनों का पता अलग-अलग है। फिर भी जमीन का बेचान कर दिया गया। तुरंत ही जमीन का नामांतरण भी हो गया। अब जमीन खरीदने वाले चंद्रप्रकाश के नाम कर दी गई। जो वहीं आसपास रहता है। जमीनों का काम करता है। उसपर फर्जीवाड़ा कराने का आरोप है। दूसरी जगह बेचने की फिराक में था भू-माफिया भू-माफिया इस जमीन को अब तुरंत किसी अन्य व्यक्ति को बेचने की फिराक में था। उससे पहले पता चल गया। अब अरावली विहार थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है। इस रजिस्ट्री में पास के ही ठेकड़ा गांव के निवासी मुबारिक पुत्र असरू खां निवासी ठेकड़ा है। दूसरा गवाह सहबून पुत्र मकसूद निवासी ठेकड़ा अलवर है। मतलब माफिया ने चांदोली गांव के किसी व्यक्ति का पता ही नहीं लगने दिया। वहां का कोई गवाह भी नहीं लिया। रजिस्ट्री करने वाला अधिकारी बोला – मुकदमा दर्ज कराओ पीड़ित कन्हैयालाल का पता चलते ही उसने उप पंजीयिक द्वितीय अलवर अनिल गोयल से मुलाकात की। उनको पूरा मामला बताया। इसके बाद उप पंजीयक गोयल ने कहा कि वे दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करते हैं। हो सकता हो फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए हों। पीड़ित को मुकदमा दर्ज कराकर रजिस्ट्री खारिज कराने का सुझाव दिया है।

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