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भाजपा नेता यासीन खान की हत्या के मामले में एक भी आरोपी अब तक नहीं पकड़ा गया। परिजनों ने भाजपा से गुहार लगाई है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने 6 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। यासीन के भाई शम्मी और दोस्त प्रकाश चंदवानी कहते हैं- शव की हालत ऐसी थी जैसे उन्हें कुचला गया हो। डॉक्टर भी हैरान थे कि इलाज कहां से करें इधर से शुरू करते तो दूसरी जगह से खून रिसने लग जाता। उन्हें इतनी बुरी तरह मारा ऐसा तो कोई जानवर के साथ भी नहीं करता। पूरे शरीर पर कुल्हाड़ी-हथौड़े और सरिए से 200 से वार किए। जिस हथौड़े से उनकी पीठ और छाती पर वार किए उस हथौड़े की लकड़ी तक टूट गई। पैरों में सरिए गोद दिए। इतनी बेरहमी से हत्या हुई कि हम बयां नहीं कर सकते। वह बुरा इंसान नहीं था, सबसे मिलता था। कहीं बेटियों का कन्यादान करना हो तो दूरी नहीं देखता था। वहीं यासीन की बेटी नजीरा चाहती हैं कि जिस बेरहमी से उसके पिता की हत्या हुई ठीक वैसी ही दर्दनाक सजा आरोपियों को मिले। पढ़िए क्या था मामला अलवर के मूंगस्का निवासी भाजपा नेता यासीन खान गुरुवार 11 जुलाई अपने साथी बीजेपी नेता परमेंद्र शर्मा और एडवोकेट जितेंद्र शर्मा के साथ किसी काम से जयपुर गए थे। शाम को काम निपटाने के बाद तीनों अलवर के लिए निकले ही थे। इसी दौरान कोटपूतली-बहरोड़ जिले के विजयपुरा गांव विजयपुरा गांव के पास स्कॉर्पियो और थार जीप में सवार करीब 12 बदमाशों ने उनकी कार को रुकवा लिया। यासीन को बाहर निकाल कर बेरहमी से पीटा और फरार हो गए। घायल यासीन को उनके साथी जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने 6 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें इरफान खान, अकरम खान, साजिद खान, वसीम खान दिलावर और अक्खा के खिलाफ मामला दर्ज है। डिपर देकर रुकवाया और कार को घेर लिया उनके भाई शम्मी खान बताते हैं- 11 जुलाई की शाम जयपुर से लौटते हुए गाड़ी यासीन चला रहे थे, परमेन्द्र आगे बैठे और जीतू पीछे वाली सीट पर थे। जयपुर से लौटते घाटा-बांदरोल बाईपास वक्त दो गाड़ियां बार-बार डिपर दे रही थी। यासीन ने कहा- इनको आगे निकल जाने देते हैं। जैसे ही साइड दी स्कॉर्पियो और थार ने उन्हें आगे-पीछे से घेर लिया। एक कार आगे और एक पीछे खड़ी हो गई। यासीन को कार से बाहर खींचा और उस पर हथोड़े और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। उन्हें 15 मिनट तक बेरहमी से मारा। इसके बाद शाम 7 बजे उनके दोस्त जीतू का फोन आया। बोला- यासीन के हाथ पैर तोड़ दिए बड़ी बुरी हालत है आप लोग आ जाओ। पहुंचे तो यासीन की हालत हमसे देखी नहीं गई। इतना मारा जैसे गोलियों से भून दिया हो शम्मी बताते हैं- मेरे भाई को 6 से 7 लोगों ने पकड़ा था। इसके बाद हथौड़े, सरिए और कुल्हाड़ी से बदमाश उन पर टूट पड़े। इतना मारा जैसे किसी ने गोलियों से भून दिया हो। मैं बता नहीं पा रहा हूं। उनका शव देख अंदर से हम छलनी हो रहे हैं। उन्हें जमीन में लिटा कर पैरों में सरिए आर-पार कर दिए। सिर्फ पैरों-पैरों पर ही करीब 50 घाव हैं। कमर से ऊपर लगभग 150 घाव हैं। हमसे उनका शव तक देखा नहीं गया। शम्मी कहते हैं- हमारे चारों भाइयों के परिवार के 70 लोग हैं। सब एक ही घर में रहते हैं। आज गांव में हर घर-परिवार गम में है। इतनी बेरहमी से मारा है, लेकिन पुलिस की पकड़ से आरोपी अब भी फरार हैं। वे तो समाजसेवी थे। उनके साथ ऐसा क्यों हुआ? डॉक्टर बोले- समझ नहीं आ रहा इलाज कहां से करें यासीन के दोस्त प्रकाश कहते हैं- जब SMS में डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने कहा- कहां से इलाज करें, खून ही खून बह चुका है। उनके पैरों-हाथों पर हथौड़े मारे गए। ये सब उनके दोस्त एडवोकेट जीतू शर्मा के सामने हुआ। आप सोचिए वो खुद आज तक सदमे में हैं कुछ बोल नहीं पा रहे। परिवार के लोगों पर क्या बीत रही होगी। उसे मारा नहीं उसे तो कुचला गया है। भास्कर ने जीतू शर्मा से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मना कर दिया। बोले- मेरी हालत नहीं है कि मैं कुछ बोल सकूं। कहते हैं मंजर याद आता है तो शरीर का खून सूख जाता है, रुलाई फूट पड़ती है। प्रकाश बताते हैं- यासीन को इस तरह मारा है कि कोई पाकिस्तानियों को भी नहीं मारेगा जो हमारे इतने बड़े दुश्मन हैं। यासीन जैसा अच्छा आदमी कोई नहीं है। वो सबके साथ प्रेम से रहता था। बेटियों के विवाह में दूर तक कन्यादान करने जाता था। दीपावली पर मिलने वालों के घर तक मिठाई भेजता था। अब उनके परिवार की बेटी, बहू सबका रो-रोकर बुरा हाल है। मलखान पहलवान कहते हैं- मेरा सगा भाई चला गया हो वैसा दुख है। मैं बयां नहीं कर सकता। यासीन सबके चहिते थे। बच्चों से प्यार करते थे। समाज में जरूरतमंदों की मदद करते थे। मलखान पहलवान ने कहा कि वह पहली बार 1994 में अलवर आया था। यहां ट्रायल देने आया था। पहली बार अलवर में यासीन के घर ही रुका था। बेटी बोलीं- जितना दर्ज पिता को मिला उतना आरोपियों को मिले यासीन की इकलौती बेटी नजीरा है जो चाहती है कि उसके पिता को दर्दनाक मौत देने वालों को उतना ही दर्द दिया जाए। उनके घरों पर बुलडोजर चले। शनिवार को बाबा बालकनाथ उनके आवास पहुंचे तो परिजन हाथ जोड़ कर खड़े हो गए। बेटी नजीरा ने गुहार लगाई कि बीजेपी सरकार होते हुए मेरे पिता की हत्या कर दी गई और अब तक आरोपी फरार हैं। उनके घरों पर बुलडोजर क्यों नहीं चल रहे। मेरे पिता बीजेपी के नेता थे। बीजेपी के नेताओं के साथ दिन रात लगे रहे। आखिरी में बीजेपी की सरकार में उनका ही मर्डर कर दिया। हम कैसे यह सब बर्दाश्त करें। 2 साल पहले का विवाद बताया जा रहा हत्या की वजह स्थानीय निवासियों के अनुसार, 23 नवंबर 2023 को यासीन के भतीजे अक्सद पर अलवर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र में आरएसएस ऑफिस के पास अकरम पुत्र अक्खा, वसीम पुत्र दिलवार, इरफान पुत्र दिलावर, इमरान निवासी बेलाका गांव और साजिद ने हमला कर हाथ-पैर तोड़ दिए थे। इन आरोपियों में से किसी एक को 2 साल पहले शादी समारोह में यासीन के बड़े भाई ने किसी बात पर थप्पड़ मारते हुए डांट दिया था। बस उसी रंजिश में पहले भतीजे पर हमला किया और अब यासीन का मर्डर कर दिया। पढ़ें ये खबर भी… बीजेपी नेता को बीच सड़क कुल्हाड़ी से काट डाला:दर्जनभर बदमाशों ने सरियों से कमर-पैर भी तोड़े, जयपुर में इलाज के दौरान मौत भारतीय जनता पार्टी के नेता पर बदमाशों ने सड़क के बीच कुल्हाड़ी व दूसरे हथियारों से हमला कर दिया। बुरी तरह से घायल नेता को इलाज के लिए जयपुर लाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। घटना कोटपूतली-बहरोड़ जिले के विजयपुरा गांव की है। (पढ़ें पूरी खबर)

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