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सत्र न्यायालय ने मंदबुद्धि युवती से रेप करने वाले अधेड़ उम्र के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक-2 चित्तौड़गढ़ के न्यायाधीश विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी को दोषी मानते हुए यह सजा दी है। साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। आरोपी ने साल 2019 में युवती का रेप किया था और उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। रेप के बाद दी थी मार डालने की धमकी अपर लोक अभियोजक संख्या- 2 अब्दुल सत्तार खान ने बताया कि पीड़िता की माता ने 12 जून 2019 को गंगरार थाने में एक रिपोर्ट दी थी। उसमें बताया कि उनकी बेटी 23 साल की है, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है। बेटी को घर छोड़कर पूरा परिवार खेत पर काम करने गया था। पीड़िता पूरे दिन घर पर अकेली थी। रिपोर्ट के अनुसार 10 दिनों से उनकी बेटी किसी परेशानी में लग रही थी। जब बेटी को समझा कर पूछा तो उसने बताया कि गंगरार थाना क्षेत्र में रहने 50 वर्षीय व्यक्ति घर में घुस आया और उससे रेप किया। रेप के दौरान उसका मुंह दबा दिया ताकि वह चिल्ला नहीं पाए। रतन अहीर ने रेप करने के बाद पीड़िता को धमकी भी दी कि किसी को बताया तो जान से मार डालेगा। रिपोर्ट पर गंगरार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने परिवादी और परिजनों के 161 में बयान लिए। रेप पीड़िता का मेडिकल करवाया गया। पीड़िता की मनो चिकित्सक से भी मानसिक रोगी होने के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त की। पीड़िता के बयान और FSL रिपोर्ट पर जताया भरोसा उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। आरोपी का मेडिकल भी करवाया गया। पुलिस ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। कोर्ट ने पीड़िता के बयान को सच मान और चिकित्सा अधिकारी से मिले जांच की रिपोर्ट के बाद FSL रिपोर्ट पर भी भरोसा जताया। ट्रायल के दौरान पीड़िता के ओर से 16 गवाह और 26 डॉक्यूमेंट्स पेश किए गए। दोनों पक्षों की बहस बाजी सुनने के लिए पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार बैरवा ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

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