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राजस्थान बोर्ड एग्जाम की कॉपी जांचने में लापरवाही:334 परीक्षक होंगे डिबार, 5251 पर पेनल्टी; अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग

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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वर्ष 2023 में परीक्षार्थियों की कॉपियां जांचने में गंभीर लापरवाही बरतने वाले 334 परीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इन्हें एक साल के लिए डिबार करने का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा जाएगा। साथ ही, 16 अथवा 17 सीसी की अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। इन परीक्षकों के कॉपी जांचने से कई विद्यार्थियों के 21 नंबर तक या उससे अधिक घट गए। जब परीक्षार्थियों की मांग पर पुनः कॉपियां जांची तो उनके नंबर तो बढ़े ही साथ ही परीक्षा परिणाम भी सुधर गया। पिछले साल री-टोटलिंग के लिए 49 हजार 695 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया। इनमें से 7 हजार 256 कॉपियों में गलतियां मिलीं। जांच के बाद परीक्षार्थियों के नंबर बदले गए। जांच करने पर पता चला कि इसमें कॉपी जांचने वाले परीक्षक की गलती पाई गई। ऐसे परीक्षकों की संख्या 5 हजार 251 थी। एक परीक्षक से एक से अधिक गलती कॉपी जांचने के दौरान हुई। गलती के लिए 100 रुपए तथा अधिकतम 2000 हजार रुपए की कटौती मानदेय से करते हुए पेनल्टी भी लगाई गई है। 7256 विद्यार्थियों की फीस लौटाई 7256 परीक्षार्थियों की री- टोटलिंग में गलती पाए जाने पर इनकी प्रति विद्यार्थी 300 रुपए फीस लौटाई। पिछले साल अक्टूबर तक री-टोटलिंग का काम चला। वर्ष 2023 में 49 हजार 695 अभ्यर्थियों ने कॉपी में पुनः जांच के लिए आवेदन किया था। आवेदन करने वालों में 23 हजार 919 सेकेंडरी तथा 25 हजार 776 सीनियर सेकेंडरी के थे। जांच के बाद 11 हजार 74 अभ्यर्थियों के अंकों में बदलाव करना पड़ा। वहीं वर्ष 2023 की पूरक परीक्षा के तहत सेकेंडरी व सीनियर सैकंडरी दोनों वर्ग जांच के लिए कुल 87 आवेदन आए। इनमें 4 अभ्यर्थियों के अंकों में बदलाव हुआ। बोर्ड की साल 2024 की परीक्षा में 10वीं और 12वीं में 37 हजार विद्यार्थियों ने री-टोटलिंग के लिए आवेदन किया है। इनमें 10वीं के 19 हजार 656 व 12वीं के 17 हजार 783 विद्यार्थी शामिल हैं। पढें ये खबर भी… किडनेप व रेप के आरोपी को 20 साल की सजा:कोर्ट ने कहा-नाबालिग के साथ यौन हिंसा गम्भीर, नरमी उचित नहीं पोक्सो प्रकरण की विशिष्ट कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश ने पीसांगन थाना क्षेत्र में किशोरी के अपहरण और दुराचार के मामले में आरोपी को 20 साल का कारावास और 60 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। फैसले में न्यायालय ने टिप्पणी भी की है कि नाबालिगों के साथ यौन हिंसा गंभीर है, इसलिए आरोपी के प्रति किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए करें क्लिक

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