राजस्थान सरकार ने प्रदेश में 5 साल में 4 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है, लेकिन प्रदेश में चार लाख पद खाली नहीं हैं। न ही सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में पद सृजित करने का फैसला किया है। ऐसे में सरकार आने वाले वक्त में चार लाख पदों पर कैसे रोजगार देगी। इसको लेकर युवाओं के मन में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। राजस्थान में बीजेपी सरकार के गठन से पहले विधानसभा चुनाव के वक्त भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने घोषणा पत्र में राजस्थान में 5 साल में ढाई लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे बढ़ाकर हर साल 70 हजार युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। इसे मुख्यमंत्री ने ही लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़ाकर 75 हजार तक करने का वादा किया था। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद मुख्यमंत्री ने 75 हजार से ज्यादा युवाओं को हर साल नौकरी देने की बात कही थी। इसकी घोषणा करते हुए बजट में अब वित्त मंत्री ने 5 साल में चार लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है। ऐसे में प्रदेश में हर साल 80 हजार पदों पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। शिक्षाविद बोले- आसानी से चार लाख पदों पर भर्ती की जा सकती है
शिक्षाविद डॉ. राघव प्रकाश ने बताया- राजस्थान में चार लाख पदों पर भर्ती करना बड़ा लक्ष्य नहीं है। सरकार की इच्छाशक्ति होगी तो आसानी से चार लाख पदों पर भर्ती की जा सकती है। पिछले लंबे वक्त से सरकारी विभागों में बड़ी संख्या में पद रिक्त चल रहे हैं। इसके साथ ही हर महीने सभी विभागों में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट भी हो रहे हैं। अर्थशास्त्री बोले- 5 साल में चार लाख नौकरी का सपना दिखाया
अर्थशास्त्री एस एस सोमरा ने बताया- सरकार ने एक विजनरी बजट पेश किया है। इसमें युवाओं को 5 साल में चार लाख नौकरी का सपना दिखाया गया है। इस सपने को तभी पूरा किया जा सकता है, जब सरकार अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारे। जब तक प्रदेश में निवेश नहीं आएगा, आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होगी। तब तक सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा नहीं होंगे। जिस तरह सरकार ने इस बजट में निवेशकों को प्रदेश में लाने का प्लान बनाया है। जैसे-जैसे पद खाली हों, उन पर भर्ती निकाली जाए
राष्ट्रीय रोजगार संघ के अध्यक्ष भारत बेनीवाल ने कहा- 5 साल में 4 लाख युवाओं को रोजगार देने के सरकार के वादे का हम स्वागत करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से टाइम टेबल के साथ पूरा किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे सरकारी विभागों में पद रिक्त होते जाएं। उसी के साथ उन पदों की भर्ती निकली जानी चाहिए। इसका समय पर टाइम टेबल भी जारी हो, ताकि युवाओं को तैयारी करने का प्रॉपर टाइम मिल सके। इसके साथ ही भर्ती प्रक्रिया अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। ताकि भविष्य में न तो कोई नकल और न ही कोई धांधली जैसी घटना हो। NSUI के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा- राजस्थान सरकार ने सिर्फ घोषणा की है। धरातल पर यह घोषणा संभव नहीं है, क्योंकि प्रदेश में चार लाख पद रिक्त ही नहीं है। बीजेपी सरकार ने उप चुनाव से पहले प्रदेश के युवाओं को बेवकूफ बनाने के लिए झूठी घोषणा की है। जल्द ही युवा और आम जनता सरकार की घोषणा की असलियत को पहचान जाएंगे। प्रदेश सरकार ने चार लाख पदों पर भर्ती का ऐलान भले ही कर दिया हो, लेकिन अब तक यह नहीं बताया है कि प्रदेश के किन विभागों में कितने पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में आने वाले साढ़े चार साल में सरकार 4 लाख पदों पर भर्ती कैसे करेगी। इसको लेकर फिलहाल युवाओं के मन में असमंजस की स्थिति है। हालांकि प्रदेश के सरकारी विभागों में एक लाख 70 हजार से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं। अगर इन पदों पर भी भर्ती होती है, तो भी लगभग 2 लाख 30 हजार पद ऐसे होंगे, जिनमें भर्ती को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार के स्तर पर अब हर महीने रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों के स्थान पर भर्ती निकाल रिक्त पदों को भरने का फैसला भी किया गया है। यह संख्या भी इतनी नहीं होगी।
