एक जमाना था जब सबसे लजीज खाना केवल राजघरानों की दावतों के लिए ही बनता था। राजघरानों के शाही रसोइयों के पास ही उनकी सीक्रेट रेसिपी होती थी। राजा-महाराजा को खिलाई जाने वाली हर रेसिपी की न्यूट्रिशन वैल्यू देखी जाती थी। ऐसा ही एक शाही जायका है, जामुन-मखाने की सब्जी। मारवाड़ के कई घरानों में यह सब्जी मेहमानों को परोसी जाती थी। आज यही जायका फाइव स्टार होटल्स के मेन्यू में शामिल है। इसे आप घर पर भी तैयार कर सकते हैं। इस शाही सब्जी की रेसिपी और कहानी तो बताएंगे, साथ ही इटली की एक खास मिठाई से भी आपको रूबरू करवाएंगे, जिसे बनाने में 2 घंटे लगते हैं। यह डेजर्ट 20 डिग्री तापमान में तैयार होता है। तो आइए चलते हैं अजमेर से पुष्कर की ओर जाने वाले रास्ते पर अरावली की पहाड़ियों के बीच बने सालों पुराने अनंता रिसोर्ट में… रिसोर्ट के जनरल मैनेजर संदीप सिंह ने बताया कि हमारे यहां मल्टी कुजीन रेस्टोरेंट है। यहां के किचन में राजघरानों के समय तैयार होने वाली रेसिपी जामुन-मखाने की सब्जी तैयार की जाती है। खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए राजस्थानी मसालों का ही तड़का लगाया जाता है। यह सब्जी सिर्फ स्पेशल डिमांड पर ही तैयार होती है। क्या है जामुन-मखाना की सब्जी?
रिसोर्ट के एग्जीक्यूटिव शेफ गौतम चौहान ने बताया इस सब्जी में मावे से तैयार जामुन (फीके गुलाब जामुन) और मखाने दोनों ही काफी रॉयल इंग्रीडिएंट्स हैं। आज हम सभी जिन मखानों का लुत्फ उठाते हैं, इसकी खेती 18वीं शताब्दी में राजा दरभंगा (बिहार) के शासन में होती थी। शुरुआत में यह ड्राई फ्रूट केवल शाही परिवारों तक पहुंचता था। तभी मखानों और जामुन के कॉम्बिनेशन से मारवाड़ के रसोइयों ने सब्जी का रॉयल जायका तैयार किया था। मखानों की रिच न्यूट्रिशन वैल्यू को देखते हुए राजा-महाराजाओं यह सब्जी परोसी जाती थी। अब यह जायका आम लोगों की रसोई तक पहुंचा है। रिसोर्ट के जनरल मैनेजर संदीप सिंह ने बताया कि राजस्थानी खानपान को मेन्यू में खास जगह दी गई है। यहां वैरायटी ऑफ फूड अवेलेबल है। जिसमें इंडियन, साउथ इंडियन, चाइनीस, इटालियन सहित अन्य वैरायटी उपलब्ध है। लेकिन मेहमान रॉयल राजस्थानी फूड की काफी डिमांड करते हैं। इस सब्जी का इतिहास 200 साल से भी पुराना है। ऐसे में हमारे शैफ की टीम ने इस रॉयल रेसिपी को मेन्यू में शामिल किया है। दूसरी वजह यह भी है कि मेहमानों के खान-पान में न्यूट्रिशन कभी काफी ध्यान रखा जाता है। ऐसे तैयार होती है जामुन मखाने की सब्जी रिसोर्ट के एग्जीक्यूटिव शेफ गौतम चौहान ने बताया कि राजाओं को रिच खाना काफी पसंद था, इसी को ध्यान में रखते हुए उनके रसोइए बेहतरीन से बेहतरीन सामग्री का इस्तेमाल करते थे। जामुन-मखाने बनाने के लिए उसी रेसिपी को फॉलो किया जाता है। यह सब्जी देसी घी में तैयार होती है। इसकी ग्रेवी बनाने में खोया (मावा), ड्राई फ्रूट्स, केसर, काजू और टमाटर इस्तेमाल होते हैं। राजस्थानी टच देने के लिए जोधपुर के मथानिया की प्रसिद्ध लाल मिर्च और नागौर की कसूरी मेथी का उपयोग किया जाता है। शेफ ने बताया कि इस रेसिपी को तैयार करने से पहले मावा और ड्राई फ्रूट से देसी घी में जामुन तैयार किए जाते हैं। इसके बाद राजस्थानी मसाले का उपयोग कर ग्रेवी तैयार होती है। ग्रेवी तैयार होने के बाद उसमें जामुन और मखाने मिक्स किए जाते हैं। सबसे आखिरी में लाल मिर्च से सब्जी को तड़का देकर परोसा जाता है। इस सब्जी के हैं हेल्थ बेनिफिट
रिसोर्ट के एसोसिएट डायरेक्टर (सेल्स) गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस सब्जी के काफी सारे हेल्थ बेनिफिट भी हैं। पुराने समय में लोग खाने-पीने का बहुत ध्यान रखते थे। मखाने में एंटी एजिंग तत्व (जवान बनाए रखने के गुण) होने के कारण राज परिवार के लिए यह सब्जी स्पेशल बनाई जाती थी। मखाने स्किन और बालों की खूबसूरती के लिए भी लाभदायक हैं। ऐसे ही फायदों के कारण ये रेसिपी राजघराने की रसोई का हिस्सा बनी थी। आगे बढ़ने से पहले देते चलिए आसान से सवाल का जवाब मानसून स्पेशल इटली की यह मिठाई 2 घंटे में तैयार होती है
मानसून सीजन में इटली का स्पेशल डेजर्ट भी काफी डिमांड में रहता है, जिसे पकाने में 220 डिग्री हीट चाहिए होती है, लेकिन प्लेटिंग करते समय 20 डिग्री की ठंडक। इसका नाम स्पेशल तो है ही यह खाने में भी स्वादिष्ट है, जिसे फेरेरो फेंटेसिया कहा जाता है। एग्जीक्यूटिव शेफ गौतम चौहान ने बताया कि राजस्थान में लोगों को जितना तीखा खाना पसंद है वहीं उन्हें मीठा खाना भी काफी पसंद है। इसी को देखते हुए रिसोर्ट में हमारी टीम ने मानसून स्पेशल इटालियन डेजर्ट भी तैयार करती है। यह डेजर्ट भी स्पेशल डिमांड पर ही तैयार किया जाता है। खास बात यह है कि ऑर्डर करीब 2 घंटे पहले देना पड़ता है। क्योंकि इसे बनाने में डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगता है। इस डेजर्ट को तैयार करने में चॉकलेट, हेजल नट्स, फेरारो चॉकलेट, ब्लूबेरी, ड्रैगन फ्रूट, मिंट लीव्स, मैदा, शुगर और अन्य चीजों का इस्तेमाल होता है। 20 डिग्री ठंड टेंपरेचर में होती है प्लेटिंग
शेफ गौतम चौहान ने बताया कि इस डेजर्ट को तैयार करने से पहले एक रिंग तैयार होती है, जिसमें मैदा, बटर का उपयोग होता है, बाद में इसे 220 डिग्री टेंपरेचर पर 9 मिनट के लिए पकाया जाता है, साथ ही चॉकलेट को मेल्ट कर मून शेप में तैयार करते हैं और बाद में इस डेजर्ट को तैयार कर 20 डिग्री कोल्ड रूम टेंपरेचर में इसकी प्लेटिंग की जाती है। पिछले राजस्थानी जायका में पूछे गए प्रश्न का सही उत्तर ये है बाड़मेर का मेसू पाक। 19वीं सदी में बेसन, घी और चीनी को मिलाकर कर्नाटक के मैसूर शहर में ऐसी मिठाई बनी, जिसका नाम वहां के राजा ने शहर के नाम पर रख दिया था। ये मिठाई थी मैसूर पाक। मैसूर पाक देश के जिस भी कोने में पहुंची वहां के हलवाईयों ने अलग-अलग एक्सपेरिमेंट किए। उस जमाने में मारवाड़ के हलवाइयों की देशभर में चर्चा होती थी। जब मैसूर पाक की रेसिपी जोधपुर पहुंची तो एक हलवाई ने उसे अपने अंदाज में बनाया, तो स्वाद लोगों की जुबां पर चढ़ गया। आज यही मिठाई बाड़मेर का मशहूर ब्रांड मेसू पाक बन गई है…(CLICK कर पूरा पढ़ें)
