राजस्थान एनआईएक्ट मामलों की विशेष कोर्ट में चल रहे 7.80 लाख चेक बाउंस के केसों की पेंडेंसी 60% तक कम होगी। क्योंकि 13 जुलाई को होने वाली प्रदेश की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में चेक बाउंस के उन पक्षकारों को भी नोटिस जारी किए गए हैं, जिनके चेक की राशि एक व दो लाख रुपए तक ही है। रालसा के सदस्य सचिव हरिओम अत्रे ने बताया कि प्रदेश की ट्रायल कोर्ट में चेक बाउंस केसों का अत्यधिक भार है, इसलिए चेक बाउंस के एक लाख व दो लाख रुपए तक की राशि वाले मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत के दायरे में लिया जा रहा है। 10 लाख केसों पर होगी सुनवाई; उन्होंने बताया कि नालसा के निर्देश पर रालसा की ओर से शनिवार को हाईकोर्ट सहित प्रदेश की निचली कोर्ट, अधिकरणों, आयोगों, उपभोक्ता मंचों व रेवेन्यू कोर्ट में दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित होगी। इसमें पक्षकारों के बीच आपसी राजीनामे व समझाइश के जरिए 10 लाख से भी ज्यादा केसों को निस्तारण के लिए चिह्नित किया है। 5,72,905 केस प्रीलिटिगेशन के हैं और 4,70,376 केस कोर्ट में पेंडिंग वाले हैं। इसके अलावा पारिवारिक विवाद के करीब 100 केसों को भी निस्तारित किया जाएगा। मुआवजा नहीं दिया तो जमीन कुर्क होगी राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण के लिए एमएसीटी केसों को भी चिह्नित किया है। रालसा ने जिला कलेक्टर को उन केसों के मालिकों का पता लगाने आैर मुआवजा दिलवाने को कहा है, जिन केसोंं में वाहन बीमित नहीं है। मुआवजा नहीं देने पर उनकी जमीन को कुर्क किया जाएगा। बीमित वाहनों के मामले में बीमा कंपनियों के अफसरों से भी चर्चा की है और राजीनामे से ज्यादा केसों को निस्तारित करने के लिए कहा है।