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सरकारी स्कूलों में 10 साल पहले शुरू हुए वोकेशनल कोर्स का फायदा अब नजर आने लगा है। राजधानी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए शुरू की गई इंटर्नशिप के बाद अब जॉब भी ऑफर हो रहे हैं। वर्ष 2023-24 में 1547 छात्रों ने इंटर्नशिप के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 47 को जॉब मिल गई। बता दें कि वर्ष 2014 में भारत सरकार ने केंद्रीय प्रवर्तित योजना में कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के लिए वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत की थी। प्रदेश में ऑटोमेटिव, होटल, ब्यूटी पार्लर सहित 14 कोर्स में शिक्षा दी जा रही है, जिसके लिए 208 लैब भी खोली गई हैं। वोकेशनल कोर्स में इस साल अब तक 15107 नामांकन
शहर के समग्र शिक्षा के वोकेशनल एजुकेशन के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. महेश गुर्जर ने बताया कि राजधानी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को कारखाने, फैक्ट्री, उद्योग और होटल में ट्रेनिंग दी गई थी। वर्ष 2023-24 में 15107 नामांकन हुए थे। जयपुर के समग्र शिक्षा के सहायक परियोजना समन्वयक ओमप्रकाश सैनी से बातचीत Q. छोटी कक्षाओं में वोकेशनल कोर्स शुरू करने से कितना फायदा मिलेगा?
-हमारी मंशा शिक्षा को रोजगार युक्त बनाना है। साथ ही स्कूलों में ड्रॉप आउट दर को कम करना है।
Q. कक्षा नियमित होती या अलग से?
-माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी अलग से क्लास निर्धारित की है।
Q. बच्चों की लर्निंग किस तरह की है?
– बच्चे की जिस विषय में रुचि होती है उसे प्रयोग के माध्यम से सीख रहे हैं।
4. वोकेशनल कोर्स को कैसे बढ़ावा देंगे?
– नई शिक्षा नीति 2020 में राजस्थान के सीनियर सेकंडरी विद्यालयों में भी इसे लागू किया जाएगा। इससे शिक्षा को और अधिक रोजगार युक्त बनाया जाएगा।

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