विधानसभा में गूंजा छात्र संघ चुनाव कराने का मुद्दा:भाटी बोले-युवा हमारे देश का भविष्य, नेतृत्व क्षमता के लिए रेगुलर छात्रसंघ चुनाव आवश्यक
राजस्थान विधानसभा में छात्र संघ चुनाव करवाने का मुद्दा रविंद्र सिंह भाटी ने उठाया है। भाटी ने सदन के शून्य काल के दौरान कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की प्रथम सीढ़ी हे जो नवीन राजनीतिक पीढ़ी को तैयार करती है। विधानसभा स्पीकर भी छात्र राजनीतिक से आते है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव अपरिहार्य और अनिवार्य है। स्वच्छ, पारदर्शी और नियमित छात्रसंघ चुनाव करवाए जाए जिससे राष्ट्र निर्माण में, राष्ट्र के नीति निर्माण में और राष्ट्र की लोक कल्याणकारी अवधारणा में सहयोग प्रदान करेगा। दरअसल, राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार ने 2023 में छात्र संघ चुनाव कुलपति समिति की सिफारिश पर रोक लगा दिए थे। इसके बाद स्टूडेंट्स ने प्रदेश भर में चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। राजस्थान में सरकार बदल गई है लेकिन वर्तमान सरकार चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है। बीते कुछ माह से स्टूडेंट लगातार सरकार से छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग कर रहे है। वहीं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी कई बार अलग-अलग मंचों पर छात्रसंघ चुनाव करवाने की पैरवी कर चुके है। राजस्थान बजट सत्र में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में कहा कि कुलपति समिति की सिफारिश के अनुसार छात्रसंघ चुनाव नवीन शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधक है। छात्र संघ चुनावों के संबंध में उक्त तर्क पूर्णत औचित्यहीन हैं। युवा हमारे देश का भविष्य है, नेतृत्व क्षमता के लिए रेगुलर छात्रसंघ चुनाव कराना अनिवार्य भाटी ने अपनी स्पीच में कहा कि राज्य सरकार से मांग है कि युवा हमारे देश का भविष्य है और युवाओं में राजनीतिक क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए नियमित रूप से छात्रसंघ चुनाव कराया जाना प्रदेश के युवाओं के लिए नितान्त आवश्यक है। छात्रसंघ चुनाव देश की राजनीतिक नीति निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। छात्रसंघ चुनाव राजनीति की प्रथम सीढ़ी है जो नवीन राजनीतिक पीढ़ी को तैयार करती हैं। आज राष्ट्रीय राजनीतिक नेतृत्व के साथ- साथ राज्य स्तर के अधिकतम नेतृत्वकर्ता छात्रसंघ राजनीति से ही निकले हैं। भाटी बोले- विधानसभा अध्यक्ष सहित कई नेता छात्र संघ की राजनीति से आए है भाटी ने कहा कि स्पीकर (वासुदेव देवनानी) आप स्वयं इसी छात्रसंघ राजनीति से आते हैं। मेरा संबंध भी छात्र राजनीति से रहा है। साथ ही साथ इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे सदस्य उपस्थित हैं। जिन्होंने छात्र राजनीति के मंच से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। छात्रसंघ चुनाव में युवा राजनीतिक मूल्यों को सीखता हैं। युवा दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ना सीखता हैं। जहां पहली बार जन सेवा की भावना अंगड़ाई लेती हैं। छात्र संघ चुनाव वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य का आधार स्तम्भ हैं। जिस पर आगामी राष्ट्र निर्माण की रूपरेखा तय होगी।