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विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद् शम्भू दयाल मीणा, सीएमएचओ डॉ. साजिद खान, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार नागर एवं चिकित्सा विभाग के कार्मिको ने स्वस्थ्य भवन परिसर में हरी-वन वृक्षारोपण अभियान के तहत फलदार व छायादार पौधे लगाकर सीमित परिवार का संदेश दिया। जागरूकता रैली को किया रवाना
स्वास्थ्य भवन परिसर से विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सीएमएचओ, आरसीएचओ ने परिवार कल्याण जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र की छात्राओं व चिकित्सा विभाग के कार्मिको ने भाग लिया। इनके द्वारा सीमित परिवार के नारों का उद्घोष किया। कलेक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने स्वास्थ्य भवन का निरीक्षण भी किया, जहां सीएमएचओ से चिकित्सा विभाग की योजनाओं, स्टॉफ व उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। 1 जुलाई से चल रहा है पौधरोपण अभियान
​​​​​​​सीएमएचओ ने बताया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों एवं कार्यालयों में 1 जुलाई से 31जुलाई तक सघन हरी-वन पौधरोपण अभियान संचलित किया जा रहा है। इसके तहत सभी चिकित्सा संस्थानों पर उपलब्ध खाली स्थान के अनुरुप अधिक से अधिक पौधों को लगाने का कार्य आरम्भ कर दिया है। अभियान के तहत सीएचसी, पीएचसी व सबसेन्टर पर कम से कम 5 एवं इससे उच्चतर चिकित्सा संस्थानों पर 10 या 10 से अधिक फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया जा रहा है। चिकित्सा संस्थानों एवं कार्यालयों मे लगाये जाने वाले छायादार पौधों में नीम, मीठानीम, पीपील, बरगद, शीशम, देशी बबूल, गुलमोहर, करंज आदि शामिल है तथा फलदार वृक्षों में नीबू, आमला, बील, जामुन, अमरुद, अनार, आम, सीताफल, सहजन, इमली, चीकू, शहतूत, संतरा, नाशपती, खेजड़ी, आदि प्रमुख है। पौधों की व्यवस्था के लिए वन विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, मनरेगा द्वारा लगाई गई नर्सरी, पंचायती राज संस्थाऐं, स्वयं सेवी संस्थाऐं एवं दान दाताओं के माध्यम से किया जा रहा है। डॉ. साजिद खान ने बताया कि जिले के सभी ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को हरी-वन वृक्षारोपण अभियान के तहत अधिक से अधिक पौधा करने हेतु निर्देश प्रदान किये गये है। ताकि जिले की चिकित्सा संस्थानों पर भी फलदार व छायादार वृक्षों के होने से आने वाले समय में तापमान में कमी एवं छाया व हवा की पर्याप्त व्यवस्था हो सके।

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