राजसमंद के रेलमगरा कस्बे के नृसिंह द्वारा के महंत मन्नादास (55) का शव फंदे पर लटका हुआ मिला। वहां लोग जमा हो गए। बाद में भरत कुमार जाट ने रेलमगरा पुलिस थाने में घटना की जानकारी दी। रेलमगरा पुलिस थाना जाब्ता वहां पहुंचा और घटना स्थल की विडियो ग्राफी करवा कर शव को फंदे से उतारा। घटनास्थल का मौका मुआयना करने के बाद शव को रेलमगरा के सरकारी हॉस्पीटल पहुंचाया। रेलमगरा पुलिस थाना इंचार्ज प्रभु सिंह चुंडावत के अनुसार नृसिंह द्वारा परिसर में पिछले 10 से 12 साल से महंत मन्नादास मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्य कर रहे थे। जिनके आज सुबह फंदे पर लटके होने की सूचना मिली। घटना की जानकारी शुक्रवार सुबह किसी दर्शनार्थी के मंदिर पहुंचने पर मिली। नृसिंह द्वारा परिसर में बने एक कमरे की छत पर लगे कड़े पर रस्सी से महंत का शव लटका हुआ था। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को उतरवाया और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मॉर्च्युरी में रखवाते हुए महंत के सीकर क्षेत्र में रहने वाले परिजनों को सूचना दी। शुरुआती जांच में आत्महत्या मान रही पुलिस पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या महंत द्वारा आत्महत्या किए जाने की जानकारी सामने आ रही है। पुलिस का कहना है कि संभवतया महंत मन्नादास (55) लंबे समय से बिमारी से ग्रसित था जिसके चलते उसके शरीर पर कई गांठें हो रही थीं जिससे कैंसर जैसी बिमारी होना भी सामने आ रहा है। शंका है कि इसी बिमारी के चलते महंत ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। पुलिस की सूचना पर शुक्रवार शाम को सीकर क्षेत्र के खण्डेला मठ से महंत घनश्याम दास महाराज अन्य संतों के साथ रेलमगरा पहुंचे और पुलिस से चर्चा कर दिवंगत हुए महंत का पोस्टमॉर्टम करा शव का अंतिम संस्कार रेलमगरा में ही करने पर अपनी सहमति प्रकट की। भक्त बोले वे स्वस्थ थे भक्त बोले वे स्वस्थ थे, शाम को ही गुरू पूर्णिमा पर्व की तैयारियों पर बात की थी। वहीं दूसरी और नृसिंह द्वारा के भक्तों का कहना है कि महंत स्वस्थ्य थे। वे गुरू पूर्णिमा पर्व की तैयारियों में व्यस्त थे और कई तैयारियां पूरी भी कर ली थीं। गुरुवार शाम को भी भक्तों के साथ पर्व की तैयारियों पर चर्चा की और शुक्रवार सुबह बकाया कामों को पूर्ण करने की योजना भी तैयार की। ऐसे में महंत का अचानक से फंदे पर लटक कर मौत को गले लगाना समझ से परे बताया जा रहा है। कस्बेवासियों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।