राजस्थान के CRPF जवान ने मंगलवार को कपूरथला (पंजाब) में सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। गुरुवार सुबह जवान का पार्थिव शरीर झुंझुनूं के पिलानी में पैतृक गांव खेड़ला पहुंचा। जवान की पत्नी ने 2 घंटे तक अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। पत्नी ने जवान के परिवार के सदस्यों के आने पर आपत्ति जताई। कहा- मुझे ससुराल वालों पर ही शक है। जवान की 13 साल की बेटी ने कहा कि दादी, बुआ और बाबोजी (ताऊ) के टॉर्चर ने पापा की जान ले ली। बाद में समझाने पर अंतिम संस्कार हुआ। बेटी और 5 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। इससे पहले, जवान के पार्थिव शरीर को यूनिट के जवानों ने सलामी दी। मॉडर्न जेल में सर्विस रिवॉल्वर से चली थी गोली
जवान अनिल कुमार हीरणवाल (38) पुत्र धर्मपाल सीआरपीएफ में हेड कॉन्स्टेबल थे। पंजाब के कपूरथला जिले की मॉडर्न जेल में उनकी ड्यूटी थी। अनिल के परिवार में पत्नी अनीता (33), बेटी अगम (13) और बेटा मयंक (5) है। परिवार गांव में ही रहता है। अनिल के पिता की मौत हो चुकी है। कपूरथला सब-डिवीजन डीएसपी हरप्रीत सिंह ने बताया- अनिल पिछले कुछ समय से किसी पारिवारिक मामले को लेकर परेशान था। 9 जुलाई (मंगलवार) की शाम ड्यूटी के दौरान अनिल की सर्विस रिवॉल्वर से चली गोली से घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कपूरथला के सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया। एसएमओ संदीप धवन ने बताया- तीन डॉक्टर के बोर्ड से बुधवार को उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया। बोर्ड में डॉक्टर हरप्रीत मोमी, डॉक्टर अमनजोत और डॉक्टर राजेश चंद्र शामिल रहे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, गर्दन पर लगी गोली सिर में जा धंसी। इससे अनिल की मौत हो गई। पत्नी बोली- परिवार के सदस्य दोषी, मोबाइल नहीं मिला
जवान की पत्नी अनीता ने बताया- 9 जुलाई को शाम 5 बजे उनकी मौत की खबर मिली। पति की यूनिट के अधिकारी ने फोन पर बताया कि अनिल नहीं रहे। उसी दिन सुबह 11:30 बजे वीडियो कॉल पर बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि दोपहर 1 बजे से ड्यूटी है। इस दौरान क्या हुआ, कुछ कह नहीं सकते। पति का मोबाइल नहीं मिला है। पति के परिवार के सदस्यों को दोषी मानती हूं। मुझे उनकी मौत को लेकर शक है। बहुत बुरा हुआ है। सीआरपीएफ और सरकार मुझे व मेरे दोनों बच्चों को मदद दे। पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। अनिल की बेटी अगम ने कहा- मेरे दादी यहां नहीं रहती। घर में मुखिया बस मम्मी है। प्रशासन से मांग है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिन्होंने पापा को मारा है। मेरे बाबोजी, दादी और बुआ पापा को टॉर्चर करते थे। उन्हीं लोगों ने टॉर्चर कर जान ले ली। ससुराल वालों के आने पर पत्नी ने जताई आपत्ति
कपूरथला से यूनिट के अधिकारी बुधवार (10 जुलाई) को पार्थिव शरीर पिलानी लेकर आए। इसके बाद गुरुवार सुबह पार्थिव शरीर पैतृक गांव खेड़ला लाया गया। जवान की पार्थिव देह जब घर लाई गई तो कोहराम मच गया। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था। पत्नी अनीता को ससुराल वालों के अंतिम संस्कार में आने पर आपत्ति थी। इसी वजह से दाह संस्कार में 2 घंटे की देरी हुई। अंतिम संस्कार से पहले कपूरथला से आए सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेंट वीआर डांगी और पिलानी सीआई नारायण सिंह ने भी जवान को पुष्पांजलि दी। सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट वीआर डांगी ने बताया- हेड कॉन्स्टेबल अनिल 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वे सीआरपीएफ की 245 बटालियन में कार्यरत थे। वे काफी समय से कपूरथला मॉडर्न जेल में तैनात थे।
