सरकारी टीचर अनिल (बदला हुआ नाम) और सुनीता (बदला हुआ नाम) पिछले कई महीनों से एक-दूसरे पर लांछन लगा रहे थे। एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए, वो भी अदालत की दहलीज पर पहुंचकर। इस बीच लोक अदालत में न सिर्फ जज बल्कि वकील ने भी समझाया कि एक साथ रहने से ही सभी सुख संभव है। अनिल और सुनीता को भी समझ आ गया कि लड़ने से कुछ नहीं होगा, छोटे-मोटे विवाद दूर करके नए सिरे से जीवन शुरू करना चाहिए। आज बीकानेर के फैमिली कोर्ट में एक-दो नहीं बल्कि अनेक जोड़े विवाद छोड़ फिर साथ हो गए। बीकानेर के पारिवारिक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बरकत अली ने बताया- जो पति-पत्नी विवाद के चलते अलग हो गए। उन्हें एक साथ करने का प्रयास किया गया। कई जोड़े तो सालों से अलग रह रहे थे।उन्हें एक साथ लाया गया। एक युवक का विवाह 2008 में हुआ और विवाद के चलते दोनों अलग हो गए। मार्च 2023 में उनका विवाद सामने आया। दोनों को समझाया गया। न्यायिक प्रक्रिया के तहत दोनों की काउंसलिंग की गई। आखिरकार उनके समझ आ गया कि हमें साथ ही रहना चाहिए। आज अदालत में दोनों ने फिर से एक-दूसरे को माला पहनाई। ऐसे कई जोड़े आज अदालत से खुश होकर वापस अपने घर गए। बीकानेर में शनिवार को लोक अदालत के दौरान 164 मामलों का निपटारा हुआ। इसमें पारिवारिक और लेबर से जुड़े मामले थे। इसके लिए बने बोर्ड में काउंसलर एडवोकेट चतुर्भुज सारस्वत भी शामिल थे। इन विभागों के केस भी निपटे बीकानेर के अनेक बैंक और अनेक कंपनियों ने भी लोक अदालत में मामले निपटाये। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कंपनी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, ग्रामीण बैंक सहित अनेक वित्तीय संस्थाओं ने भी ग्राहकों के साथ समझौते किए।