रामू का बास से कुड़ली बाइपास के लिए 90 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। मास्टर प्लान में यह बाइपास रोड प्रस्तावित है। यूआईटी द्वारा पूर्व में इसकी मार्किंग भी की गई थी। सीकर-झुंझुनूं बाइपास से करीब दो किमी दूर नला के बालाजी के पास से यह बनाया जाएगा। जो साइंस कॉलेज से कुड़ली तक प्रस्तावित रिंग रोड से कनेक्ट किया जाएगा। चूंकि पुराना बाइपास शहर के अंदर आ चुका है, चारों तरफ कॉलोनियों कट चुकी हैं। ऐसे में जाम की स्थिति बनी रहती है। रिंग रोड बनने से शहर को ट्रैफिक जाम और हैवी वाहनों से निजात मिलेगी।