जैसलमेर शहर में बुधवार को मिले मोर्टार बम को सेना के बम निरोधक दस्ते ने शुक्रवार को डिफ्यूज कर दिया। भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते ने सुनसान इलाके में बम को एक गड्ढे में सुरक्षित रख कर तारों से जोड़कर उसको डिफ्यूज करने की कार्रवाई की। इस दौरान बम तेज धमाके के साथ फटा। जैसे ही बम फटा वैसे ही सेना के अधिकारी के मुंह से निकला’ ‘ओह माय गॉड’। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बम कितना खतरनाक था। अगर ये जिंदा बम शहर में फटता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। भारतीय सेना की कोणार्क कोर ने अपने X अकाउंट पर बम को डिफ्यूज करने के फोटो विडियो शेयर करते हुए इसकी जानकारी साझा की। सेना ने ट्वीट कर लिखा ‘विपत्ति में सहायता- बैटल एक्स डिवीजन के योद्धाओं ने जैसलमेर शहर से गैर-विस्फोटित आयुध को निकालने और एक अलग क्षेत्र में इसे नष्ट करने में स्थानीय प्रशासन की सहायता की। समन्वित प्रयासों ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।’ गौरतलब है कि जैसलमेर शहर में सोनार फोर्ट से महज 20 फीट की दूरी पर बुधवार सुबह करीब 10 बजे शिव रोड पर एक दुकान के आगे एक जीवित बम मिला। बम को देखते ही लोगों के होश उड़ गए। पुलिस ने इलाके को सील कर बम निरोधक दस्ते को सूचना दी। गुरुवार शाम को मौके पर पहुंचे सेना के बम निरोधक दस्ते ने बम को अपने कब्जे में ले लिया था और उसे मौके से ले गए। शुक्रवार को सेना ने बम को एक सुनसान इलाके में डिफ्यूज करने की कार्रवाई की। इस दौरान तेज धमाके के साथ बम फटा। धमाका इतना तेज था कि भारतीय सेना के अधिकारी के मुंह से भी ‘ओह माय गॉड’ निकला। विंटेज मोर्टार बम बताया जा रहा है कि यह बम विंटेज मोर्टार बम है। जिसका कभी युद्ध में इस्तेमाल किया जाता था। इसके फटने से 50 मीटर की परिधि में काफी नुकसान कर सकता है। भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते के एक अधिकारी ने गुरुवार को विशेष तैयारी के साथ बम को सुरक्षित उठाया और गाड़ी में रेत के कट्टों के बीच रखा। फिर ये दस्ता बम को अपने साथ लेकर रवाना हो गया। रिहायशी इलाके से बम को हटाने के बाद स्थानीय लोगों के साथ साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। शुक्रवार को इस बम को डिफ्यूज करने की कार्रवाई की गई।