अंतरराज्यीय हिस्ट्रीशीटर तस्कर पोखर खटीक को एटीएस, जयपुर की टीम ने हिरासत में ले लिया। एटीएस का ऑपरेशन ब्राउनी के दौरान पोखर को इंफाल (मणिपुर) से निरुद्ध किया गया है। पुलिस से बचने के लिए तस्कर वही पर छिपा हुआ था। वह चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया थाने का वांछित तस्कर है और उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। घनी आबादी के एक बिल्डिंग में किराए पर रहता था आरोपी एटीएस-एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि लंबे समय से फरार अंतरराज्यीय तस्कर और 50 हजार रुपए का इनामी पोखर खटीक उत्तर-पूर्वी राज्यों में छिपा हुआ है। इस पर आईजी अंशुमान भौमिया के निर्देशन में एटीएस की एक टीम बनाई गई। इस टीम ने पोखर का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला। उसके गिरोह के बदमाशों और अन्य राज्यों के अपराधियों से उसके संपर्कों की सटीक जानकारी जुटाई। उसके उत्तर-पूर्वी राज्यों में छिपे होने की पुष्टि होने पर हेड कांस्टेबल रामस्वरूप और कांस्टेबल रामेश्वर प्रसाद को इंफाल (मणिपुर) भेजा गया। इस टीम ने स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाई और विभिन्न एजेंसियों से मिली जानकारी का एनालिसिस कर इंफाल के मंत्रिपुखरी में घनी आबादी में मौजूद एक फ्लैट को चिह्नित किया। पोखर उसी बिल्डिंग के एक फ्लैट में किराए पर रह रहा था। अब पोखर को राजस्थान लाने की कार्रवाई की जा रही है। आरोपी को मणिपुर में दबोचना नहीं था आसान, पुलिस ने छुपा रखी पहचान पुलिस के लिए मणिपुर में जाकर कुकी और मैतेई संघर्ष के बीच पोखर को पकड़ना आसान नहीं था। पोखर को पकड़ने के लिए टीम ने अपनी पहचान छुपाते हुए वहां रहे। पुलिस मुखबिरों से जानकारी लेती रही और खुद उसपर नजर बनाए रखी। घनी आबादी होने के कारण क्षेत्र में बन रहे माहौल का भी ध्यान रखना था। पोखर खटीक के खिलाफ राजस्थान के विभिन्न थानों में लगभग 28 मुकदमें दर्ज हैं। वो मंडफिया थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। तस्करी में पोखर खटीक को किंग कहा जाता है। इसलिए पुलिस ने इसका चयन चित्तौड़गढ़ जिले के हार्डकोर अपराधी में किया है। इतने अपराधों में लिप्त रहा आरोपित
अंतरराज्यीय हिस्ट्रीशीटर तस्कर पोखर खटीक पकड़ा गया:मणिपुर के इंफाल से किया निरुद्ध, घनी आबादी में किराए से रह रहा था आरोपी
