उमस भरे मौसम में अघोषित बिजली कटौती ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। दौसा जिलेभर में रोजाना लगातार कई घंटे हो रही बिजली कटौती ने लोगों के दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है। शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी खराब है कि यहां 5-6 कटौती से परेशान लोगों में बिजली निगम के खिलाफ रोष व्याप्त है। अघोषित कटौती से उद्योग धंधों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। इससे सरकार से दावे फेल होते दिख रहे हैं। जिले में पिछले दिनों से ऐसी कटौती हो रही है कि दिन में न सुकून मिल रहा और न ही रात में सही से नींद आ रही। जबकि बिजली आपूर्ति का शेड्यूल भी तय किया गया है, जिसमें शहर क्षेत्र में 24 घंटे, तहसील क्षेत्र में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति करने का शेड्यूल तय है, लेकिन लोगों को शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो महज 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है। यहां शहर हो या फिर ग्रामीण इस समय बिजली की कटौती को लेकर हर तरफ हो हल्ला मचा हुआ है। कारण शेड्यूल से काफी कम बिजली आपूर्ति हो रही है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को गर्मी से निजात नहीं मिल पा रही है। वहीं पसीने से तर बतर होने के साथ ही लोग जागकर रात गुजारने को विवश हो रहे हैं। वहीं जिम्मेदार सब कुछ जानकर चुप्पी साधे हुए हैं। मेहंदीपुर धाम में श्रद्धालु परेशान
इधर, जिले में स्थित प्रदेश के बड़े धर्मस्थल मेहंदीपुर बालाजी में भी अघोषित बिजली कटौती से श्रद्धालुओं के साथ आमजन परेशान हैं। यहां बालाजी के दर्शनों के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में कटौती के दौरान जनरेटर व इन्वर्टर से वैकिल्पक व्यवस्था की जाती है। लेकिन लगातार कई घंटे बिजली कटौती से वैकल्पिक बंदोबस्त भी ठप हो जाते हैं। इससे श्रद्धालुओं को होटल-धर्मशालाओं में ठहरना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली सप्लाई स्थिति बेहद खराब है। बिजली कब आ रही और कब जा रही पता ही नहीं चल रहा। मुश्किल से आठ-दस घंटे ही सप्लाई आ रही है। इससे बिजली उपकरण शो-पीस बनकर रह गए हैं। पानी की आपूर्ति भी सही से नहीं हो पा रही है। निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को बात करने पर संतोषप्रद जवाब तक नहीं मिलता। सरकार के नुमाइंदे भी लोगों को राहत नहीं दे पा रहे हैं।
