अजमेर में बारिश में जमीन धंसने के बाद रामसेतु एलिवेटेड ब्रिज की गुणवत्ता पर उठे सवालों के चलते कोर्ट ने ब्रिज पर आवागमन बंद करने का आदेश दिया है। आदेश के बाद रात 7:30 बजे से यातायात पूरी तरह रोक दिया गया है। एडवोकेट विवेक पाराशर के अनुसार, मामले में दो प्रतिवादियों द्वारा वाद पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुना गया और स्मार्ट सिटी तथा नगर निगम की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया। दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। बहस को लेकर समय भी मांगा गया। कलेक्टर को दिया आदेश एडवोकेट ने बताया- याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अवगत करवाया कि अभी भी ब्रिज पर आवागमन चालू है। इन सभी बहस और तथ्यों को सुनने के बाद इसे गंभीर मानते हुए 11 तारीख को बहस के लिए अगले सुनवाई रखी है। वहीं कलेक्टर लोकबंधु को एक आदेश जारी कर संपूर्ण एलिवेटेड रोड का आवागमन बंद करने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस खुद को बचाने का काम कर रही कोर्ट के दिए आदेश के बाद भाजपा चुनाव आयोग विभाग संभाग प्रभारी राजीव भारद्वाज ने विरोध दर्ज करवाया है। भारद्वाज ने कहा- इस प्रकरण में कांग्रेस से जुड़े लोगों ने आम जनता को आहत करने वाला कृत्य किया है। अजमेर के कांग्रेस से जुड़े लोग जिनके सामने पूरा ब्रिज तैयार हुआ उसमें मेंबर भी रहे हैं। साथ में तमाम कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और धर्मेंद्र राठौड़ ने उद्घाटन किया। आज पूरे मामले में खुद को बचाने का कार्य की किया है। अजमेर की जनता को अब यातायात दबाव का सामना करना पड़ेगा।

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