अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह की अंजुमन की ओर से बनाए गए बड़े ताजिया की सवारी रात दस बजे बाद इमामबाड़ा से शुरू हुई। जुलूस के दौरान अकीदतमंदों ने अपने मकानों की छतों से ही ताजिया में सेहरे पहनाए। सवारी आधी रात बाद दरगाह के निजामगेट और सुबह चार बजे तक ताजिया झालरा पहुंच गया। जिसे अकीदत के साथ सैराब कर दिया गया। अंजुमन के बड़े ताजिया की सवारी गत रात इमामबाड़ा पहुंची थी। इसके बाद से वहां ताजिया की जियारत करने व मन्नतें पूरी करने वालों का सिलसिला जारी रहा। ताजिया की सवारी में खादिम व स्थानीय लोगों के अलावा काफी अधिक संख्या में अन्य अकीदतमंद उपस्थित थे। जुलूस के दौरान जगह-जगह लोगों ने शरबत, मिठाई, आईसक्रीम सहित अनेक खाने की वस्तुएं नियाज के रूप में वितरित की। इसी तरह ताजिया की जियारत करने के लिए जुलूस वाले रास्तें के दोनों ओर के मकानों की छत, बालकनी व खिड़कियों में महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चों की खासी भीड़ रही। बड़े ताजिया की सवारी के लिए पुलिस विभाग ने काफी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों को तैनात किया था, जो पूरे कार्यक्रम में नजर बनाए हुए थे। पुलिस ने सावधानी के लिए ताजिया के जुलूस को कैमरे में कैद किया। मार्ग पर नुकीली व ढीली बजरी फैली, कार्रवाई हो अंजुमन सैयद ज़ादगान के महासचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कलेक्टर को पत्र लिखकर निज़ाम गेट से सोलह खंभा तक ताजिए की सवारी के रास्ते में बिखरी नुकीली बजरी पर कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में बताया कि सोमवार ताजिए की सवारी शाम चार बजे निर्धारित है, जो निज़ाम गेट से सोलह खंभा तक निकाली जाएगी। इस धार्मिक आयोजन में अकीदतमंदों की भागीदारी होगी, जिनमें बड़ी संख्या में ख़ादिम, बुज़ुर्ग, बच्चे और नंगे पाँव चलने वाले शामिल होंगे। मार्ग पर बड़ी मात्रा में नुकीली व ढीली बजरी फैली हुई है, जिसकी स्थिति अत्यंत खतरनाक और दुर्घटनाजनक है। यदि इस सवारी के दौरान किसी भी व्यक्ति को चोट या दुर्घटना होती है, तो इसकी पूर्ण ज़िम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। सवारी के मार्ग से तत्काल बजरी हटाई जाए, संपूर्ण मार्ग की सफाई कराई जाए, और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो इसके लिए ठेकेदार पर जुर्माना लगाकर विभागीय जांच भी शुरू की जाए। जिससे कोई भी अप्रिय घटना घटित न हो। (फोटो-वीडियो-नजीर कादरी, अजमेर) मोहर्रम की ये खबरें भी पढें… तलवारों से खेला हाइदोस, डोला शरीफ की सवारी निकली:तलवारों से खतरनाक पैंतरेबाजी का प्रदर्शन; करबला की जंग का मंजर साकार मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को अजमेर के अंदरकोट क्षेत्र में हाईदोस खेला गया। इस दौरान ढोल-नगाड़ों की गूंज और नंगी तलवारों के साथ करबला की जंग का मंजर साकार किया गया। आशिकाना-ए-हुसैन ने तलवारों से खतरनाक पैंतरे बाजी का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही डोला शरीफ की सवारी निकाली गई, जिसमें अकीदतमंद शामिल हुए। पूरी खबर पढ़ें अजमेर में करबला की जंग जैसा मंजर:अंदरकोट में देर रात तलवारों से खेला छोटा हाईदौस, कुछ लोग चोटिल भी हुए मोहर्रम की 9 तारीख के मौके पर शनिवार रात को अंदरकोट में छोटा हाईदौस हुआ। आशिकान ए हुसैन ने नंगी तलवारों से हाईदौस खेल कर करबला की जंग के मैदान का मंजर साकार किया। पूरी खबर पढ़ने के लिए करें क्लिक

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