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उदयपुर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की करंट लगने से मौत के मामले में विरोध स्वरूप रेजिडेंट शुक्रवार को तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। सभी रेजिडेंट डॉक्टर ने जेएलएन अस्पताल की इमरजेंसी के पास गार्डन में श्रमदान कर विरोध जताया। वहीं, कल डॉक्टर ने बजरंगगढ़ चौराहे पर न्याय की बीच मांगने का कार्यक्रम प्रस्तावित रखा है। रेजिडेंट की हड़ताल के कारण ओपीडी की व्यवस्था बाधित होने लगी है। मरीज के काफी देरी से ओपीडी में नंबर आ रहे हैं। हड़ताल को देखते हुए अभी अस्पताल प्रशासन का फोकस वार्ड पर ज्यादा है, ताकि मरीजों को उपचार में परेशानी नहीं हो। सीनियर डॉक्टर को भी वार्ड में लगातार राउंड लेने के अलावा ऑन कॉल रहने के लिए कहा गया है। अस्पताल में अभी केवल सामान्य ऑपरेशन ही हो रहे हैं, जिसमें अधिक चिकित्सकों की जरूरत नहीं पड़े। बड़े ऑपरेशंस को होल्ड पर रखा गया है। हड़ताल के कारण सीनियर रेजिडेंट व सीनियर चिकित्सकों पर सबसे अधिक जिम्मेदारी आ गई है। पहले PHOTO’S में देखें रेजिडेंट का श्रमदान…. परिवार को उचित मुआवजा-सरकारी नौकरी दी जाए
अध्यक्ष डॉ दिलराज मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं की गई है। उदयपुर कलेक्टर से वहां के रेजिडेंस की बातचीत हुई है। लेकिन रेजिडेंट की डिमांड पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। रेजिडेंट डॉक्टर मृतक डॉक्टर के परिवार को 2 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से 5 लाख का मुआवजा ही दिया गया है। लेकिन एक डॉक्टर को देखते हुए यह मुआवजा बिल्कुल ही जायज नहीं है। सरकार से यही मांग करते है कि मृतक डॉक्टर के परिवार को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। इसके साथ ही अस्पतालों में हो रहे इस तरह की घटनाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए।

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