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अब एलोपैथी पर रिसर्च करेंगे स्टूडेंट:आयुर्वेद यूनिवर्सिटी और व्यास मेडिसिटी के बीच में हुआ MOU

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जोधपुर के डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय और व्यास मेडिकल कॉलेज के बीच चिकित्सा पद्धतियों में अनुसंधान के लिए एमओयू हुआ। इस मौके पर व्यास मेडिसिटी के अध्यक्ष मनीष व्यास और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। अब आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट आयुर्वेद के अलावा भी अन्य पद्धतियों की जानकारी ले सकेंगे। इस मौके पर कुलपति प्रोफेसर वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि इससे दोनों चिकित्सा विधाओं का आदान-प्रदान होगा। साथ ही अनुसंधान और चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद और मेडिकल साइंस के सहयोग से कार्य किए जाएंगे। आमतौर पर बच्चें ट्रेनिंग लेते हैं लेकिन जब तक उनकी क्लीनिकल और क्रिटिकल ट्रेनिंग नहीं होती तब तक वह किसी काम के रहते नहीं है। उसी को ध्यान में रखते हुए यह एमओयू किया गया है। इससे आने वाले समय में हमारी यूनिवर्सिटी के बच्चों को क्लीनिकल एक्स्पोज़र मिलेगा और वह समाज को उत्कृष्ट सेवाएं दे पाएंगे। व्यास मेडिसिटी के अध्यक्ष मनीष व्यास ने बताया कि MOU होने से आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के बच्चों की क्लिनिकल प्रैक्टिस यहां पर होगी। एनएमसी की परमिशन मिलने के बाद हमने इस प्रक्रिया को किया। ऐसे में यूनिवर्सिटी के बच्चों को भविष्य के लिए भी एक्सपोजर मिलेगा और जोधपुर के लिए भी यह गौरव की बात है कि आयुर्वेद यूनिवर्सिटी और मेडिकल यूनिवर्सिटी के बीच ये MOU हुआ है। यूनिवर्सिटी के कुल सचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला ने बताया कि आने वाले समय में इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। आज अलग-अलग चिकित्सा विधाओं एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। आयुर्वेद का जो अनुसंधान का क्षेत्र है ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर काम किया जाना चाहिए। मिलकर हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में किस प्रकार से नवाचार कर सकते हैं इस पर काम किया जाएगा। इस अवसर पर व्यास मेडिसिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर आशा व्यास, कॉलेज डीन डॉ. के.सी अग्रवाल, हॉस्पिटल डायरेक्टर डॉ. अशोक सिंह राठौड़, प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ .रजनीश अग्रवाल, आयुर्वेद विवि के चिकित्सालय उपाधिक्षक डॉ. ब्रह्मानंद शर्मा, उप कुलसचिव डॉक्टर मनोज अदलखा, क्रिया शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश शर्मा उपस्थित रहे ।

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