परिवहन विभाग की ओर से चेकिंग के दाैरान हाईवे पर हाेने वाली घटनाओं काे रोकने के लिए चेकिंग प्रणाली में बदलाव हाेगा। अब प्रदेश के सभी जिलाें से गुजर रहे हाईवे पर स्थित टोल बूथों पर चेकिंग पाॅइंट बनाकर जांच की जाएगी। भास्कर ने 31 मई के अंक में परिवहन विभाग के कर्मचारियों की पीड़ा काे उजागर किया था। इसके तहत बताया था कि पुलिस-वन-खनन सहित अन्य विभागों काे ताे चेकपोस्ट बनाकर जांच करने का अधिकार है, लेकिन 86 साल पुराने मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसी काेई सुविधा नहीं दी गई है। ऐसे में परिवहनकर्मियों के सामने हाथों से वाहन रुकवाने की मजबूरी रहती है। कई बार वाहन चालक उन्हें कुचल भी जाते हैं। इसके अलावा मारपीट-विवाद जैसी स्थिति भी आएदिन सामने आती है। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने चेकिंग प्रणाली में बदलाव करने की तैयारी की है। मुख्यालय की ओर से सभी जिलाें से चेकिंग पाॅइंट बनाने के लिए जगहों के नाम मांगे गए हैं। उदयपुर में गोगुंदा, अंबेरी, खांडी ओबरी, डाकन कोटड़ा आदि टोलों पर पाॅइंट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। टोल नाके से 100 मी. आगे बनेंगे नए प्रस्ताव के तहत टोल पर चेकपोस्ट बनाने की योजना नहीं है। वहां पर केवल अस्थायी रूप से चेकिंग पाॅइंट बनेगा। मार्च में रेवेन्यू के लक्ष्य पूरा करने के लिए अलग-अलग जगहों पर रेंडम चेकिंग करना भी जरूर रहेगा। मुख्यालय से हरी झंडी मिलते ही टीमें टोल पर चेकिंग शुरू करेंगी। टीम टोल से करीब 100 मीटर आगे खड़ी हाेगी, ताकि टोल पर जाम न लगे। विभाग के अधिकारियों ने प्रक्रिया में बदलाव के लिए हाल ही 1 जुलाई काे प्रस्ताव बनाकर भेजा है। भास्कर ने उठाया था मुद्दा, अब बदलाव का फैसला इन घटनाओं में प्रदेश में हर साल 5 से 10 कर्मचारियों की माैत होती है और 40 से 50 कर्मचारी घायल हाे जाते हैं। टोल के पास पॉइंट होने से रात के समय लाइटिंग की व्यवस्था भी रहेगी, जिससे जांच में आसानी रहेगी। अभी हाईवे पर कहीं भी खड़े होकर तेज गति में वाहनों काे रोकना खतरनाक रहता है। ऐसे में टोल पर वाहनों की गति कम हाेने से पकड़ना भी आसान रहेगा।