Site icon Raj Daily News

अब दुकानदार यूरिया व डीएपी के साथ टैगिंग कर नहीं दे सकेंगे दूसरे प्रोडक्ट

अब दुकानदार व कंपनियां यूरिया व डीएपी के साथ टैगिंग कर सल्फर, हरबीसाईड, पेस्टीसाईड, माइक्रो न्यूट्रीशन मिक्सर सहित दूसरे प्रोजेक्ट नहीं बेच सकेंगे। फसलों की बुआई के लिए पर्याप्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कृषि आयुक्त ने सभी संयुक्त निदेशक (कृषि) को अपने जिलों में अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों, गोदामों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही बिना पीओएस मशीन के उर्वरकों की विक्रय करने वाले दुकानदारों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। आयुक्त ने कार्यवाही रिपोर्ट भी मुख्यालय भिजवाने के लिए कहा है। कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने इसको लेकर मंगलवार को सर्कुलर जारी किया है। प्रदेश में मूंगफली, बाजरा, मक्का सहित अन्य खरीफ फसलों की बुआई के साथ ही डीएपी व यूरिया की डिमांड बढ़ गई है। कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल का कहना है कि यूरिया व डीएपी के साथ टैगिंग कर दूसरे प्रोडक्ट बेचना अनुचित है। यह एफसीओ-1985 व उर्वरक आदेश व आवश्यक वस्तु अधिनियम का खुला उल्लंघन है। संयुक्त निदेशक अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों, गोदामों का निरीक्षण करेंगे यूरिया व डीएपी की कालाबाजारी बढ़ी: खरीफ फसल की बुआई के साथ ही यूरिया व डीएपी की कालाबाजारी बढ़ गई है। यूरिया पर सब्सिडी है, जबकि औद्योगिक उपयोग के यूरिया पर सब्सिडी नहीं होने कीमतों में भारी अंतर है। इसके कारण सब्सिडी वाले यूरिया का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में भी होता है। उर्वरकों के गैर कृषि कार्यों में उपयोग व डायवर्जन से उर्वरकों की कृषि क्षेत्र में उपलब्धता कम हो गई है। किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है।

Exit mobile version