अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने भारत में फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाने के लिए फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन के साथ डील साइन की है। ये पहली बार होगा जब डसॉल्ट अपने फाल्कन जेट्स फ्रांस के बाहर बनाएगा। पैरिस एयरशो में इस डील का ऐलान किया गया है। रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सब्सिडियरी कंपनी है। डसॉल्ट रिलायंस एरोस्पेस लिमिटेड 2017 में रिलायंस और डसॉल्ट के जॉइंट वेंचर में शुरू हुआ था। इस नई पार्टनरशिप में DRAL को फाल्कन 2000 की प्रमुख प्रोडक्शन प्रोसेस ट्रांसफर की जाएगी। फाल्कन 9 जेट का प्रोडक्शन महाराष्ट्र में होगा जेट का प्रोडक्शन महाराष्ट्र के नागपुर में रिलायंस के डसॉल्ट रिलायंस एरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) प्लांट में होगा। ये वही फैसिलिटी है, जो 2019 से फाल्कन 2000 के कुछ पार्ट्स बना रही है। अब पूरा जेट यहीं बनेगा। ये भारत के मेक इन इंडिया मिशन के लिए बड़ा कदम है। पहले जेट की डिलीवरी 2028 में होगी। डील से 3 बड़े फायदे होंगे: रिलायंस की एरोस्पेस सेक्टर में पकड़ मजबूत होगी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की ये चौथी बड़ी ग्लोबल पार्टनरशिप है। इससे पहले: इस नई डील से रिलायंस की डिफेंस और एरोस्पेस सेक्टर में पकड़ और मजबूत होगी। खबर आने के बाद रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर 5% चढ़कर ₹386.05 पर पहुंच गया है। डसॉल्ट के CEO बोले- हमारी सप्लाई चेन मजबूत होगी डसॉल्ट के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने कहा, “भारत में फाल्कन 2000 बनाना हमारी सप्लाई चेन को मजबूत करने का बड़ा कदम है। ये मेक इन इंडिया को सपोर्ट करता है और इंडिया को ग्लोबल एरोस्पेस हब बनाएगा।” डसॉल्ट एविएशन के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। कंपनी पहले से ही भारत में राफेल फाइटर जेट्स की सप्लाई कर रही है, और अब फाल्कन 2000 का प्रोडक्शन उनके लिए स्ट्रैटेजिक मूव है। रिलायंस के लिए तीन बड़ी चुनौती फाल्कन 2000 जेट क्या है? ये एक हाई-एंड बिजनेस जेट है, जो डसॉल्ट एविएशन बनाती है। ये जेट अपनी लग्जरी, स्पीड, और लंबी रेंज के लिए मशहूर है। ये करीब 6,000 किलोमीटर तक नॉन-स्टॉप उड़ सकता है। इसका यूज बड़े बिजनेसमैन, सेलेब्स और कुछ देशों की मिलिट्री करती है। इसकी कीमत करीब 35 करोड़ रुपए हैं।