राज्य सरकार ने शहर के नजदीक अमरखजी लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व प्रोजेक्ट को 3 साल में पूरा कर सफारी शुरू करने की घोषणा की है। इसके लिए कैंपा (प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) और जायका (जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी) के फंड से बजट मिलेगा। हालांकि सरकार ने यह नहीं बताया कि दोनों की ओर से इस वित्तीय वर्ष में कितना बजट मिलेगा। वन मंत्री संजय शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। कैंपा योजना को राज्य सरकार और जायका प्रोजेक्ट को जापान से वित्तीय मदद मिलती है। कैंपा के तहत जंगलों में पक्की दीवार बनाने, ग्रासलैंड और वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाने आदि काम होते हैं। जायका के फंड से प्रदेश के जंगलों में ग्रासलैंड, एनीकट-तलाई बनाने सहित कार्य के लिए फंड दिया जाता है। पिछले साल अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव में आचार संहिता से पहले रिजर्व बनाने की घोषणा की गई थी। चुनाव खत्म होने के बाद इसमें ट्रैक बनाने का काम शुरू हुआ था कि लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लग गई। इसके बाद फिर से प्रोजेक्ट की रफ्तार थम गई थी। अब इसमें अलग-अलग योजनाओं से बजट मिलेगा। अब घोषणा के एक साल बाद मानसून सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर से काम में रफ्तार आएगी। कुल 30 करोड़ लागत, अगले दो वर्ष में 26 करोड़ के प्रस्ताव भेजेंगे अमरखजी लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 30 करोड़ रुपए है। इस वित्तीय वर्ष में वन विभाग की ओर से 4 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव भेजा गया था। अगले दो वर्ष में 12 करोड़ और 14 करोड़ रुपए प्रस्ताव भेजे जाएंगे। वन मंत्री संजय शर्मा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि अजमेर शहर के पास गंगा भैरव घाटी रिजर्व और उदयपुर शहर के पास अमरखजी महादेव लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व में लेपर्ड सफारी विकसित करेंगे। ये दोनों क्षेत्र प्राकृतिक स्थल होने से तेंदुओं को सुरक्षित आवास उपलब्ध करवाते हैं। यहां लेपर्ड को प्राकृतिक आवास में देखा जा सकेगा। बता दें कि वन विभाग ने इस साल इस रिजर्व में ट्रैप कैमरे से वन्यजीव गणना की थी। इसमें तेंदुए, भालू सहित कई प्रजाति के वन्यजीव दर्ज किए गए थे। अभी जिले में जयसमंद सेंचुरी में जीप सफारी संचालित है। 107 किमी के 3 अलग-अलग ट्रैक, अभी 12 किमी ही तैयार अमरखजी लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व में वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पक्की दीवार, 12 माह पानी के लिए वाटर होल, चरागाह क्षेत्र और सफारी ट्रैक बनाने जैसे काम होंगे। प्रस्ताव के अनुसार अमरखजी रिजर्व 7400 हैक्टेयर एरिया में बनेगा। इसमें सैर के लिए 3 ट्रैक तैयार किए जाएंगे। इनकी लंबाई 33 किमी, 20.5 किमी और 53.5 किमी होगी। अभी 12 किमी ट्रैक तैयार है। रिजर्व एरिया में उदयसागर झील के अलावा 40 किमी दूर मावली और कुराबड़ रेंज भी आएंगी। इस साल 30 करोड़ का प्रपोजल भेजा है। रिजर्व में वन्यजीवों की सुरक्षा और इलाके को अतिक्रमण से बचाने के लिए 6 फीट ऊंची 68 किमी की दीवार बनाई जाएगी।