सरकार की ओर से गांव ढाणी में बने बावड़ी, तालाब व एनिकट को पानी आने से अब बदलाव की तस्वीर सामने आने लगी है। इसे रफ्तार देने के मकसद से सरकार ने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान शुरू कर दिया।ताकि आमजन को अधिक से अधिक जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश में गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर प्रारम्भ किए वंदे गंगा ‘जल संरक्षण- जल अभियान‘ से वर्षा जल को सहेजकर भूजल स्तर बढ़ाने तथा जल संचयन के उद्देश्य से जल संचय संरचनाओं के निर्माण, जल स्रोतों की साफ-सफाई, परंपरागत जलाशयों के पुनरूद्धार, पर्यावरण व जल संरक्षण गतिविधियां 20 जून तक चलेगा। जिले में जल संरक्षण एवं पर्यावरण सरंक्षण के क्षेत्र में राजगढ़ ब्लॉक के दूरस्थ गांव फिरोजपुर जागीर में नरेगा योजना से बने अमृत सरोवर, फिरोजपुर खालसा में नरेगा से ही बने मैजिक पिट, राजगढ़ शहरी क्षेत्र में नगरपालिका की ओर से मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत गंगा बाग की बावड़ी के जीर्णाेद्धार कार्य, राजपुरा बडा गांव में प्राचीन मलाणी महादेव की बावड़ी का जीर्णाेद्धार कार्य और टहला तहसील में स्थित मानसरोवर बांध से आमजन को जोड़ा है। ताकि सबकी भागीदारी से प्रति जागरूकता के साथ इस अभियान से न केवल जुड़ रहें, बल्कि मुख्यमंत्री के द्वारा जल संरक्षण के लिए संचालित वन्दे गंगा अभियान की खुले मन से सराहना कर रहें है। अमृत सरोवर बनने से सुधरा फिरोजपुर जागीर गांव का जल स्तर अलवर जिले की राजगढ़ तहसील के गांव फिरोजपुर जागीर में 9.2 लाख की राशि से निर्मित अमृत सरोवर के विकास कार्यों को स्थानीय निवासी मिश्रीलाल मीणा एवं शीला देवी ने क्षेत्र के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि अमृत सरोवर निर्माण से आसपास के गांवों में पानी का जल स्तर बढा है। वन्य जीवों, पशु-पक्षियों इत्यादि के लिए पीने के पानी की उपलब्धता सुलभ हुई है। वहीं ग्राम पंचायत फिरोजपुर खालसा में 25 -25 हजार रुपए की लागत से निर्मित 6 मैजिक पिट (सोख्ता गड्डों) को जल संरक्षण के लिए उपयोगी बताया। जल संरक्षण के साथ बनेगा पर्यटन स्थल राजगढ़ शहरी क्षेत्र में लगभग 7 लाख रुपए की लागत से गंगा बाग की बावड़ी के जीर्णाेद्धार कार्य कराया गया है। जिसमें बावड़ी में साफ-सफाई, सीढी व दीवारों की मरम्मत, रेलिंग लगाने, रंग- रोगन इत्यादि कार्य करवाए। गए है। वहीं राजपुरा गांव में लगभग 7 लाख रुपए की लागत से प्राचीन मलाणी महादेव की बावड़ी के जीर्णाेद्धार कार्य के तहत बावड़ी में साफ-सफाई, सीढी व दीवारों की मरम्मत, रंग- रोगन इत्यादि कार्य करवाए गए है।