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राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से जयपुर में आयोजित पाक्षिक सांस्कृतिक संध्या ‘कल्चरल डायरीज’ के पांचवें एडिशन के दूसरे दिन अल्बर्ट हॉल पर बाड़मेर के लोक कलाकार गौतम परमार व उनके दल ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। इस कार्यक्रम में पश्चिमी राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक कला की झलक देखने को मिली, जिसने न केवल जयपुरवासियों बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान के प्रसिद्ध लोकगीत ‘केसरिया बालम आओ नी, पधारो म्हारे देस’ से हुई, जिसने उपस्थित दर्शकों को लोक संगीत की मिठास से सराबोर कर दिया। इसके बाद ‘रिमझिम बरसे मेह…’ गीत पर प्रस्तुत लोकनृत्य ने समां बांध दिया। इस संध्या में विभिन्न पारंपरिक लोकनृत्यों की झलक भी देखने को मिली। चरी नृत्य में नर्तकियों ने सिर पर जलते दीपों से भरी चरी (मिट्टी का बर्तन) रखकर अद्भुत संतुलन और कला का प्रदर्शन किया। भवाई नृत्य में कलाकारों ने एक के ऊपर एक रखे मटकों के साथ कुशल संतुलन बनाए रखा, जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। रिम नृत्य, जो साइकिल की रिम के साथ किया जाता है, अपने अनूठे अंदाज से आकर्षण का केंद्र बना। राजपूती शान का प्रतीक घूमर नृत्य अपने गरिमामय प्रदर्शन के कारण खासा लोकप्रिय रहा। घुटना चकरी व तराजू नृत्य ने कलाकारों की लय, सटीकता और संतुलन को बखूबी दर्शाया। राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य में कलाकारों की लचीली और लयबद्ध मुद्राओं दर्शकों को मोहित कर दिया। फायर नृत्य ने रोमांच और आकर्षण को नए स्तर पर पहुंचा दिया, जिसमें कलाकारों ने जलती हुई आग के साथ नृत्य कर दर्शकों को रोमांचित किया। कार्यक्रम का समापन ‘धरती धोरां री…’ गीत और देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य से हुआ, जिसने माहौल को ऊर्जा और उत्साह से भर दिया। इस संध्या के मुख्य कलाकार गौतम परमार स्वयं एक कुशल भवाई नृतक हैं, जिन्होंने जापान, वियतनाम और बैंकॉक में अपनी कला का प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की है। उनके दल में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त गायक पुष्कर प्रदीप, रजनीकांत शर्मा, दिलावर खां, बाबू खां शामिल थे। वहीं, महिला सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित गायिका जानकी गोस्वामी ने अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। गौरतलब है कि ‘कल्चरल डायरीज’ उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर पर्यटन विभाग के नवाचार के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इस सांस्कृतिक संध्या में पर्यटन विभाग के उपनिदेशक नवल किशोर बसवाल सहित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। जयपुरवासियों और पर्यटकों को राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराने का यह अभिनव प्रयास हर बार नई प्रस्तुतियों और लोक कलाकारों के शानदार प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ रहा है।

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