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अशोक गहलोत के घर जाकर मिले सचिन पायलट:पिता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम का निमंत्रण दिया; दोनों के बीच लंबे समय से खींचतान

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने शनिवार को पूर्व सीएम अशोक गहलोत से उनके बंगले पर मुलाकात की। पायलट ने लंबे समय बाद गहलोत के घर जाकर मुलाकात की है। विपक्ष में आने के बाद पहली बार पायलट गहलोत के बंगले पर गए हैं। पायलट ने अशोक गहलोत को पिता राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर होने वाले कार्यक्रम का निमंत्रण दिया। गहलोत ने इस मुलाकात के बाद एक्स पर लिखा- एआईसीसी महासचिव सचिन पायलट ने आवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार एक साथ ही लोकसभा पहुंचे थे। लगभग 18 साल तक साथ में सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें आज भी बना हुआ है। उनके जाने से पार्टी को भी गहरा आघात लगा था। दोनों नेताओं ने लंबे समय बाद मंत्रणा की, सियासी हलकों में चर्चा
अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने इस मुलाकात के दौरान काफी देर तक चर्चा की। दरअसल, दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से कटुता रही है। 2020 के सियासी संकट के बाद ये बढ़ गई थी। इसके बाद लगातार दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। 25 सितंबर 2022 की घटना के बाद भी कटुता बढ़ी। बीच-बीच में दोनों नेता एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं। गहलोत-पायलट की मुलाकात से कांग्रेस का सियासी नरेटिव बदलेगा
अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद कांग्रेस के भीतर सियासी नरेटिव और पर्सेप्शन बदलेगा। अब तक दोनों नेताओं के बीच खींचतान का असर उनके समर्थकों तक भी था। इस जेस्चर के बाद कटुताएं कम होने के आसार हैं। इसका असर खेमेबंदी पर भी होगा। गहलोत-पायलट की लड़ाई के नरेटिव ने कांग्रेस को पर्सेप्शन के मोर्चे पर खूब परेशान किया है। बीजेपी भी इस मुद्दे पर लगातार उसे घेरती रही है। अब 11 जून को राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम पर निगाह
आज की मुलाकात के बाद अब सबकी निगाहें राजेश पायलट की 25वीं पुण्य​ति​थि पर होने जा रहे कार्यक्रम पर है। इस कार्यक्रम में गहलोत जा सकते हैं। 11 जून को इस कार्यक्रम में जुटने वाले नेताओं से भी सियासी नरेटिव बनेगा। अगर गहलोत इस कार्यक्रम में जाते हैं तो उनके समर्थक नेता भी बड़ी संख्या में जुटेंगे। ​पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष रहते डिनर डिप्लोमेसी शुरू की थी
सचिन पायलट जब प्रदेशाध्यक्ष बनकर आए थे, तब उन्होंने बड़े नेताओं के घर जाकर मुलाकात करना और सियासी मंत्रणाओं का दौर शुरू किया था। पायलट ने उस वक्त नेताओं को डिनर पर बुलाने और अलग अलग नेताओं के यहां डिनर पर बैठकें करने का दौर शुरू किया था। इस डिनर डिप्लोमेसी की उस वक्त खूब चर्चा होती थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एक जाजम पर लाने में डिनर डिप्लोमेसी के प्रयोग को कारगर माना गया था।

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