लेकसिटी में जल्दी ही कलाकारों काे ठिकाना मिलेगा। वे यहां रहकर आर्ट वर्क कर सकेंगे। खास बात यह है आर्टिस्ट रेजीडेंसी नाम से ये कॉटेज देश भर के कलाकार अपने खर्च से बनवा रहे हैं। मकसद लेकसिटी में कला को बढ़ावा देना है। यह निर्माण अंबा माता क्षेत्र में चरक छात्रावास के पास टखमण कला संस्थान परिसर में हो रहा है। इसके लिए काम करने वाले आर्किटेक्ट से लेकर मार्बल व्यापारी तक इसे बिना कोई शुल्क या मेहनताना लिए बनवा रहे हैं। शहर के कलाकार, कला प्रेमियों के साथ देशभर के कलाकार भी सहयोग कर रहे हैं। कोई 50 हजार रुपए की मदद कर रहा है तो कोई 15 लाख तक। पहले चरण में कॉटेज का काम शुरू हो गया है। यह 3 माह में पूरा होगा। इन कॉटेज में आर्ट वर्क के लिए आने वाले कलाकार ठहर सकेंगे। हर साल देश-विदेश से 100 से ज्यादा कलाकार आते हैं संस्थान के सचिव संदीप पालीवाल ने बताया कि टखमण में सालभर में देश-विदेश से 100 से ज्यादा कलाकार आते हैं। इनमें से कई ऐसे भी होते हैं, जो कई महीनों तक यहां रूककर रेजीडेंसी आर्ट करने की इच्छा जाहिर करते हैं। संस्थान में स्टूडियो और आर्ट गैलरी है, लेकिन ठहरने की सुविधा के अभाव में वे रुक नहीं पाते। लंबे समय से यह प्रोजेक्ट विचाराधीन था। अब इसका काम शुरू हो गया है। संस्था के सदस्य व सीनियर आर्टिस्ट रघुनाथ शर्मा ने बताया कि इसमें विशेष योगदान कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित दिल्ली के कलाकार स्वर्गीय ए. रामचंद्रन का है। वे लंबे समय तक उदयपुर में आर्ट वर्क के लिए आया आते रहे थे। उन्होंने ही टखमण के संस्थापक सदस्यों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना की थी। अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का रुझान बढ़ेगा
टखमण संस्थान में अभी ग्राफिक, स्कल्पचर, सेरेमिक और पेंटिंग स्टूडियो और 2 आर्ट गैलरी हैं। इनमें दिनभर कलाकार अपने आर्ट वर्क तैयार करते हैं, लेकिन बाहर से आने वाले कलाकारों को ठहरने की दिक्कत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह रेजिडेंसी बना रहे हैं। इससे रेजीडेंसी कला शिविरों को बढ़ावा मिलेगा। टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध सिटी में अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का भी रुझान बढ़ेगा। इससे शहर को नई पहचान मिलेगी।
आकार ले रही आर्टिस्ट रेजीडेंसी, कलाकारों को मिलेगा ठिकाना:कलाकार ही जुटा रहे फंड, बिना मेहनताने के सेवा दे रहे आर्किटेक्ट और मार्बल व्यापारी
